उत्तर प्रदेश में अभी एक सप्ताह तक उत्तरी पश्चिमी हवाएं चलेंगी। यह हवाएं शुष्क भी है और गर्म भी,जिनका असर गंगा के मैदानी क्षेत्र उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल तक रहेगा। इससे लू का प्रकोप कम नहीं होगा।
एक सप्ताह बाद मानसून की पूर्वी रेखा आगे बढ़ना शुरु करेगी,जिससे बंगाल की खाड़ी से मानसूनी हवाएं आना शुरु हो जाएंगी तो मौसम में बदलाव होने लगेगा। फिलहाल एक सप्ताह तक लोगों को लू का प्रकोप सहना पड़ेगा, हालांकि स्थानीय स्तर पर धूल भरी आंधी और मेघ गर्जन के साथ बौछारें भी पड़ सकती हैं।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने सोमवार को बताया कि अगले 24 घंटों के दौरान, दक्षिण कोंकण गोवा, दक्षिण मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और तटीय कर्नाटक में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।
उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत, दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश और विदर्भ और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। दक्षिण ओडिशा,आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु,दक्षिण गुजरात,मध्य प्रदेश,दक्षिण गुजरात और दक्षिण-पूर्व राजस्थान में हल्की बारिश हो सकती है। मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में लू चल सकती है। कानपुर मंडल सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में लू से लेकर भीषण लू चल सकती है।
बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 43.6 और न्यूनतम तापमान 25.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 28 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 14 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पश्चिम रहीं जिनकी औसत गति 5.4 किमी प्रति घंटा रही। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले पांच दिनों में हल्के बादल छाए रहने के आसार हैं किन्तु वर्षा की कोई संभावना नहीं है। दिन और रात के तापमान सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं जिससे लू की स्थित बनी रहेगी।