नशा समाज के लिए एक अभिशाप है- मौलाना अफ्फान

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इटावा। नशा समाज के लिए एक अभिशाप है,आजकल नशे के विभिन्न रूप जैसे शराब,ड्रग्स,गांजा,भांग आदि का प्रयोग दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। खासकर हमारे राज्य में शराब की खपत देश में सबसे ज्यादा है और युवा पीढ़ी इसका शिकार हो रही है,यदि हमारे समाज में नशे की लत को नहीं रोका गया तो आगे चलकर इसके बहुत घातक परिणाम होंगे।उक्त विचार जमात-ए-इस्लामी हिन्द उत्तर प्रदेश पश्चिम द्वारा व्यक्त किये गये।मौलाना अफ्फान मीर शमसी ने कहा कि हमारे समाज में कई बुराइयां फैल रही हैं जो हमारे सामाजिक जीवन को प्रभावित कर रही हैं,उनमें नशे की बुराई सबसे घातक और चिंताजनक है,यह न केवल व्यक्तिगत जीवन को नष्ट करता है बल्कि पारिवारिक और सामाजिक जीवन की जड़ों को भी कमजोर करता है।इस बुराई के कारण युवा पीढ़ी अपनी ताकत और भविष्य खो रही है।इसके कारण अपराध,स्वास्थ्य समस्याएं और आर्थिक तंगी जैसी कई समस्याएं पैदा हो रही हैं।नशा सामाजिक विकास में सबसे बड़ी बाधा बन रहा है,जिसे जड़ से खत्म करना होगा।इसकी गंभीरता को देखते हुए जमात-ए-इस्लामी हिंद उत्तर प्रदेश मगरेब ने “नशा मुक्त समाज हमारी प्रतिबद्धता”शीर्षक के तहत नशा विरोधी अभियान मनाने का निर्णय लिया है।उन्होंने कहा कि नशे का आदी व्यक्ति किसी भी स्तर तक गिरने को तैयार रहता है।नशे की हालत में वह
नैतिक,आध्यात्मिक,शारीरिक और मानसिक शक्ति को नष्ट कर देता है। जिसके कारण उन्हें कई आर्थिक और सामाजिक समस्याएं घेर लेती हैं और उनके परिवार को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।नशे की लत के कारण घरेलू हिंसा,व्यभिचार आदि जैसी गंभीर घटनाएं घटित होती हैं।इस समस्या से निपटने के लिए जागरूकता कार्यक्रम और धार्मिक एवं नैतिक शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार बहुत जरूरी है।आने वाली पीढ़ी के लिए एक स्वस्थ और मजबूत समाज बनाने के लिए समाज के सभी लोगों को एकजुट होकर इस बुराई के खिलाफ काम करना होगा।फिलहाल सरकार नशे पर रोक लगाने के लिए कोई गंभीर कदम नहीं उठा रही है।हर जिले में नशा मुक्ति केंद्र हैं और अन्य परियोजनाएं आ रही हैं लेकिन नशे की लत वालों की संख्या बढ़ रही है।ऐसी विकट परिस्थिति में बुद्धिजीवियों और धार्मिक नेताओं की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वे शराब और अन्य नशीले पदार्थों की बुराई को समाज के सामने रखें।नशे पर इस्लाम की शिक्षाएँ बहुत स्पष्ट हैं।इस्लाम अपने अनुयायियों को किसी भी परिस्थिति में नशा करने की इजाजत नहीं देता।साथ ही हम यह भी मानते हैं कि सांसारिक जीवन वास्तविक जीवन नहीं है।उसके बाद एक पुनर्जन्म होगा जिसमें मनुष्य अपने अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब देगा।ईश्वर के आदेश का पालन करने की अवधारणा के तहत मनुष्य बुरे कर्मों से बच सकता है।जमात-ए-इस्लामी हिंद एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहता है जहां शांति,शांति और न्याय हो और समाज का हर सदस्य हर स्तर पर हो बुराइयों को दूर करने का प्रयास करें।
इस अभियान के तहत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जायेंगे।संगोष्ठी, सार्वजनिक संबोधन,शुक्रवार के उपदेश, कोने की बैठकें,व्यक्तिगत और समूह की बैठकें,स्कूल और कॉलेज के व्याख्यान, मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार,महिलाओं,छात्रों और युवाओं के लिए अलग-अलग कार्यक्रम,सरकार और समाज के प्रभावशाली लोगों के साथ बैठकें और बैठकें,नशा मुक्ति केंद्रों का दौरा,नशा मुक्ति में शामिल।लोगों के साथ आसन आदि कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।हम सभी नागरिक राज्य से अपील करते हैं कि वे इस अभियान का हिस्सा बनें और नशा मुक्त समाज बनाने में अपनी भूमिका निभायें।
इस अवसर पर नाज़िमे ज़िला इल्तिमाश अहमद अमीरें मुक़ामी मज़हर उद्दीन साहब हाजी नसीम साहब ज़फ़र उद्दीन साहब एस आई ओ के ज़िम्मेदार हसन राईन ज़ैद उद्दीन मौजूद रहे।
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