- सिंजेंटा इंडिया की ‘ड्रोन यात्रा’ उत्तर प्रदेश पहुंची
- 15 जुलाई को पुणे महाराष्ट्र से प्रारंभ हुई यात्रा
- 13 राज्यों में ड्रोन छिड़काव के बारे में 10000 से अधिक किसानों को प्रशिक्षित करने की है योजना
अवधनामा संवाददाता
लखनऊ। ड्रोन तकनीक के उपयोग से किसानों को खेती करने में सुविधा होगी और उत्तर प्रदेश सरकार ड्रोन तकनीक के बहुआयामी उपयोग के लिए ठोस प्रयास कर रही है। सरकार ड्रोन से उर्वरक के छिड़काव से लेकर विकास और कल्याण परियोजनाओं की निगरानी तक कर रही है। गुरूवार को सिंजेंटा की ड्रोन यात्रा के प्रदेश में आगमन पर उत्तरप्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कही।
ड्रोन यात्रा लखनऊ पहुंचने पर सिंजिंटा ने चावल के खेतों में 300 से अधिक किसानों को ड्रोन से छिड़काव की सफल तकनीक से अवगत कराया।
सिंजेंटा इंडिया ने 15 जुलाई को अपने पुणे मुख्यालय से ड्रोन यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया था। कंपनी की 10,000 से अधिक किसानों के बीच ड्रोन छिड़काव के बारे में जागरूकता पैदा करने की योजना है। वह 13 राज्यों में 10,000 किलोमीटर की यात्रा करेगी। सिंजेंटा उन कुछ निजी कंपनियों में शामिल है, जिन्हें ड्रोन के इस्तेमाल के लिए केंद्र सरकार की अनुमति मिली हुई है। सिंजेंटा ड्रोन यात्रा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान तीन राज्यों का भ्रमण कर चुकी है।
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने सिंजेंटा ड्रोन यात्रा के आगमन के उपलक्ष्य में लखनऊ जिले की मलिहाबाद तहसील में आयोजित एक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि डिजिटल रूप से संचालित कृषि समय की आवश्यकता बनती जा रही है। अनाज में धान, गेहूं, बाजरा, जौ उत्पाद में अग्रणी उत्तर प्रदेश खेती में ड्रोन की कई तरह से उपयोग की बहुत बड़ी गुंजाइश है। राज्य में सरसों, अलसी, तिल, मूंगफली, चना, मटर, मसूर और अरहर बहुतायत में उगाए जाते हैं।
श्री शाही ने सिंजेंटा को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब हम कृषि क्षेत्र में नई तकनीक के लाभों को देख सकते हैं और विश्व में हो रहे तकनीकी बदलाव को अनुभव कर सकते हैं और यह ड्रोन तकनीक न केवल युवाओं को रोजगार प्रदान करेगी बल्कि श्रम की कमी को भी हल करेगी साथ ही मिट्टी और पर्यावरण को बचाने में भी मदद करेगी। ड्रोन तकनीक हमारे माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की किसानों की आय को दोगुना करने की प्रतिबद्धता को पूरा करने में भी मदद करेगा। यह तकनीक फसलों को कीड़ों, मक्खियों और टिड्डियों से बचाने के अलावा छिड़काव की लागत को कम करके उनकी आय में वृद्धि करेगी।
सिंजेंटा इंडिया के चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर डॉ केसी रवि ने कहा यह देखना बहुत उत्साहजनक है कि ड्रोन तकनीक में उत्तर प्रदेश सरकार ने न केवल रुचि दिखाई है बल्कि कृषि को तकनीकी रूप से चलाने के लिए एक रोडमैप भी तैयार किया है जो खेती को लागत प्रभावी बनाएगा और तकनीकों के प्रयोग से किसानों की आय में वृद्धि होगी। ड्रोन जैसी तकनीक से किसानों को लाभ होगा और अब खेती में स्थिरता बढ़ेगी।
डॉ. रवि ने कहा कि ड्रोन छिड़काव से किसानों को केवल सात मिनट में एक एकड़ खेत में स्प्रे करने में मदद मिल सकती है जो श्रम लागत को बचाने और किसानों की दक्षता बढ़ाने में मदद कर सकता है।
डॉ. रवि ने कहा पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषि में प्रौद्योगिकी को अपनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पहले ही यूपी में ड्रोन निर्माण की संभावना तलाशने के प्रावधानों की घोषणा कर चुकी है। उत्तर प्रदेश में ड्रोन निर्माण इकाइयां स्थापित करने की योजना न केवल राज्य के किसानों के लिए बल्कि देश की पूरी कृषि अर्थव्यवस्था के लिए एक गेम-चेंजर होगी, जिससे कृषि, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था के रखरखाव में ड्रोन का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित होगा।
डॉ रवि ने कहा सिंजेंटा के अभिनव प्रयोगों के माध्यम से हम किसानों को पर्यावरण से जोड़ते हुए कृषि पैदावार बढ़ाने में सक्षम बनाएंगे।
इस कार्यक्रम में विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों ने शिरकत की। जिसमें श्री विवेक कुमार सिंह, कृषि निदेशक, श्री आरके सिंह, संयुक्त कृषि निदेशक ब्यूरो,श्री नीरज श्रीवास्तव, संयुक्त कृषि निदेशक इंजीनियरिंग और श्री एसबी सिंह, प्रबंध निदेशक, बीज विकास निगम लखनऊ सहित अन्य लोग ड्रोन यात्रा कार्यकम में उपस्थित थे। सिंजेंटा इंडिया की ओर से श्री सचिन उपाध्याय, श्री अमित सैनी, डॉ रमजान आलम, श्री त्रिलोक पाल सिंह,श्री रवि तोमर और श्री मयूर श्रीवास्तव मौजूद थे।
सिंजेंटा के बारे में
सिंजेंटा दुनिया की अग्रणी कृषि कंपनियों में से एक है, जो लाखों किसानों को संसाधनों का बेहतर उपयोग करने में सक्षम बनाकर वैश्विक खाद्य की पैदवार बढाने में मदद कर रही है। हमारी महत्वाकांक्षा दुनिया को भोजन करने के साथ साथ हमारे पृथ्वी की रक्षा करना भी है। 100 से अधिक देशों में हम फसल उगाने के तरीके को बदलने के लिए काम कर रहे हैं। साझेदारी, सहयोग और द गुड ग्रोथ प्लान के माध्यम से हम प्रकृति और किसानों को नई खोज के माध्यम से लोगों को सुरक्षित और स्वस्थ रहने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।.
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