नहीं रहे हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल डा.शोएब अहमद चिश्ती

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इटावा। हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल कहे जाने वाले डॉक्टर शोएब अहमद चिश्ती नईमी सज्जादा नशीन अस्ताना आलिया दरगाह एनुन नईम डा.बन्ने मियां साबित गंज इटावा का रविवार को सुबह निधन हो गया वह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे।उनके निधन की खबर सुनकर शहर में शोक की लहर दौड़ गई।मरहूम डॉक्टर शोएब अहमद डा.बन्ने मियां के भांजे के साथ दामाद भी थे,उन्होंने इस्लामिया इंटर कालेज में शिक्षा ग्रहण की।मरहूम डॉक्टर शोएब अहमद चिश्ती नईमी लगभग 70 वर्ष के थे और पिछले दो माह से किडनी रोग से पीड़ित थे उनका आगरा से इलाज चल रहा था,रविवार को उनका निधन हो गया।मरहूम डॉक्टर शोएब अहमद ने कई मौकों पर शहर में अमनचैन का पैग़ाम देते हुए हिन्दू मुस्लिम भाईचारा बनाए रखने के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए।शहर में जब भी कोई बड़े धार्मिक आयोजन होते थे तो प्रशासन मरहूम डॉक्टर शोएब अहमद चिश्ती नईमी का सहयोग लेता था।सभी लोग मरहूम डॉक्टर शोएब अहमद चिश्ती नईमी का बहुत सम्मान करते थे,उनकी हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल के नाम से जिले में पहचान थी।उनके निधन से जिले सहित आसपास के जनपदों में शोक की लहर दौड़ गई,हजारों लोगों ने उनके निवास साबित गंज पहुंचकर शोक श्रद्धांजलि अर्पित की।

रविवार को रात दस बजे साबित गंज स्थित आवास से मरहूम डॉ.शोएब अहमद चिश्ती नईमी की मिट्टी नगर के इस्लामिया इंटर कॉलेज के मैदान में नमाज़े जनाज़ा आस्ताना आलिया फफूंद शरीफ के सज्जादनशीन सैय्यद नवाज़ अख़्तर चिश्ती उर्फ चिश्ती मियां ने अदा कराई और बाद नमाज़ के सभी ने मरहूम के लिए दुआये मग़फ़िरत की।मरहूम डॉ.शोएब साहब के चाहने वालों का मिट्टी(अंतिम यात्रा)में हुजूम उमड़ पड़ा सड़क पर सिर्फ दूर से लोगों के सर नज़र आ रहे थे।आपसे मोहब्बत करने वाले लोग मिट्टी को कांधा देने के लिए सड़कों पर उमड़ पड़े।रात 11 बजे शहर के बादशाह कुली कब्रस्तान में मरहूम डॉ. शोएब साहब को सुपुर्दे ख़ाक किया गया।हज़ारों लोगों ने बाद मिट्टी के मरहूम की मग़फ़िरत के लिए हाथ उठाकर रब तआला की बारगाह में दुआये की।

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