अवधनामा संवाददाता
आजमगढ़। देश में हर साल एक जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है । भारत में इसकी शुरुआत वर्ष 1991 में हुई, महान चिकित्सक डॉ बीसी रॉय के जन्मदिन व पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने और चिकित्सकों के सम्मान में इस दिवस को मनाया जाता है द्य डॉक्टर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे मरीजों का न सिर्फ इलाज करते हैंद्य बल्कि एक नया जीवन ही नहीं जिंदगी जीने के लिए हिम्मत और जज्बा भी देते हैंद्य इसलिए उन्हें धरती पर भगवान का दर्जा दिया गया है
डॉ. रोहित मिश्र ने हिन्द इन्स्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेस लखनऊ से अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी कि हैद्य साल 2021 में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बढ़या रानी की सराय में अधीक्षक के पद पर तैनात हुए द्य डॉ मिश्र बताते हैं कि 215000 की आबादी हैद्य ग्रामीणों में स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही के कारण इनकी छोटीदृछोटी बीमारी बड़ी समस्या बन जाती है
गत वर्ष 2021 गृह भ्रमण के दौरान 9 से 12 वर्ष के दो लड़कियां और तीन लड़के मिले। मैं उन्हे देखने उनके घर गया। इन गरीब बच्चों को मिर्गी आती थी। इलाज की कमी से बच्चों की तबीयत दिन प्रति खराब हो रही थीद्य मैं उनकी जांच कर निजी तौर पर इलाज शुरू कर दिया।
बाहर से भी उनकी दवाईन्या मंगवा रहा हूँ द्य आज सभी बच्चे बिलकुल स्वस्थ हैंद्य पंद्रह दिन पर सभी बच्चे मेरे पास आते हैं द्य उनकी जांच कर दवाइया देता हूँ द्य इन बच्चों को देख कर खुशी होती है द्य मेरी कोशिश रहती है कि इलाज बिना किसी की जनहानि न हो द्य 2021 फरवरी से आज तक कुल 6380 मरीजों का इलाज किया द्य जिसमें 2000 पुरुष मरीज,2500 महिलाओं और 1600 बच्चों का इलाज किया गया