भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने बंगाल में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि जरूरत पड़ने पर पलटवार करें। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति पीटे जाने के डर से युद्ध के मैदान में नहीं उतर सकता। मिथुन ने कार्यकर्ताओं को अपना व्हाट्सऐप नंबर भी दिया और कहा कि पार्टी के भीतर कोई भी शिकायत है तो मुझे सीधे बताएं।
कोलकाता। भाजपा नेता और दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने शुक्रवार को बंगाल में पार्टी कार्यकर्ताओं को संदेश देते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर पलटवार करें।
उनका निशाना सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर था। हुगली जिले के दौलतपुर स्थित भाजपा के जिला कार्यालय में एक बैठक को संबोधित करते हुए मिथुन ने कहा कि कोई भी व्यक्ति पीटे जाने के डर के साथ युद्ध के मैदान में नहीं उतर सकता।
‘मार खाकर वापस घर मत लौटिए’
उन्होंने कहा कि मार खाने के बाद घर वापस मत लौटिए, यदि आवश्यक हो तो पलटवार कीजिए। आप पीटे जाने के डर के साथ युद्ध के मैदान में नहीं उतर सकते। मिथुन ने कहा कि आप पीछे खड़े होकर जंग नहीं जीत सकते। आपको निडर होकर मैदान में उतरना होगा।
राज्य में भाजपा के प्रमुख प्रचारकों में से एक बनकर उभरे इस दिग्गज अभिनेता ने जमीनी स्तर पर सक्रियता की जरूरत पर जोर दिया और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से अपने क्षेत्रों में जमीन से जुड़े रहने को कहा।
कार्यकर्ताओं को दिया निजी व्हाट्सऐप नंबर
उन्होंने बैठक में कार्यकर्ताओं को अपना निजी व्हाट्सऐप नंबर भी दिया और कहा कि आपको जमीन से जुड़े रहना होगा। आप पीछे हटने का जोखिम नहीं उठा सकते। यदि पार्टी के भीतर कोई भी शिकायत है, तो मुझे सीधे बताएं।
ये टिप्पणियां 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले अपने आधार को मजबूत करने की भाजपा की कोशिश को दर्शाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार महिलाओं को बुनियादी सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही है और भ्रष्टाचार से ग्रस्त है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि जनता और हमारे कार्यकर्ता जवाबी कार्रवाई करें।
TMC ने किया पलटवार
दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने उनकी टिप्पणियों को फिल्मी डायलाग बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि लोकतांत्रिक राजनीति में इस तरह के उकसावे के लिए कोई स्थान नहीं है।
तृणमूल के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने कहा कि बंगाल हिंसा भड़काने वाली ऐसी राजनीति को स्वीकार नहीं करता। मालूम हो कि मिथुन ने एक दिन पहले गुरुवार को दावा किया था कि अगर बिहार की तरह बंगाल में भी गहन सत्यापन के बाद मतदाता सूची से फर्जी मतदाताओं को हटा दिया जाए, तो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में 70 सीट भी नहीं जीत पाएगी।