अवधनामा संवाददाता
चन्द्रशेखर आजाद ने स्वामी प्रसाद मौर्य के पक्ष में जनसभा कर जिताने का किया अपील
कप्तानगंज, कुशीनगर। जिले में चुनावी तापमान बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के चर्चित नेता स्वामी प्रसाद मौर्या भी अपना किस्मत कुशीनगर में आजमा रहे है। जिनके पक्ष में प्रचार के लिए आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद “रावण” दो दिन से कुशीनगर जिले में कई जनसभा को सम्बोधित किया। स्वामी प्रसाद मौर्या के पक्ष में वोट की अपील करते हुए चन्द्रशेखर आजाद ने कहा भाजपा प्रत्यासी हार के डर से भयभीत होकर अपने कार्यकर्ताओं से विपक्ष पर हमला करा रहा है। राशन और पैसे पर वोट नही सविधान और शिक्षा व आरक्षण को बचाने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्या को जिताने की अपील किया।
लोकसभा चुनाव 2024 में अपनी नवनिर्मित राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से ही स्वामी प्रसाद मौर्या मैदान में है। कुशीनगर लोकसभा में स्वामी प्रसाद का चुनाव निशान गन्ना किसान है। जिसको लेकर लगातार जनसभाओं को कर स्वामी अपने पक्ष में लोगो से वोट की अपील कर रहे है। कुशीनगर में दलित मतदाताओं की अच्छी सहभागिता रखने वाले मतदाताओं को साधने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थन में चन्द्रशेखर आजाद “रावण” दो दिनों से लगातार जनसभा कर रहे। इसी क्रम में रामकोला विधानसभा के कप्तानगंज स्थित कनोडिया इंटरमीडिएट कालेज के मैदान में कार्यक्रम आयोजित हुआ। शनिवार को लगभग 42 डिग्री तापमान की गर्मी के बीच हजारों की संख्या में उमड़ी भीड़ आजाद समाज पार्टी को सुनने पहुंची। लोगो ने सविधान और भीम राव अम्बेडकर के साथ चन्द्रशेखर और स्वामी प्रसाद मौर्या के जयकारे लगाए। लोगो को सम्बोधित करते चन्द्रशेखर आजाद ने कहा कि जहां एक तरफ सता से जुड़े लोग खाना-पानी, वाहन और संसाधनों को देकर भी भींड नही जुटा पा रही हैं। वही दूसरी तरफ प्रचंड गर्मी में भी आप का जनसैलाब आप के उत्साह को दिखा रहा हैं। आप लोगो के आशीर्वाद से आपकी मजबूत आवाज स्वामी प्रसाद मौर्या के रूप में दिल्ली पार्लियामेंट में जा रही है। सभी खुद को ही स्वामी प्रसाद मौर्या मान कर गन्ना किसान के पक्ष में मतदान और प्रचार करे। क्योंकि जिनका नेता मजबूत होता है उनकी बात सुनी जाती। उत्तर प्रदेश में गुंडाराज चल रहा जिसका जीता जागता उदाहरण मैं खुद खड़ा हूं मेरे ऊपर चार गोलियां चलाई गई। कानून का राज भाजपा नेताओ के दर पर दम तोड़ चुका है। जब हम ताकत में थे तो भाजपा के सामंतियों की इतनी हैसियत नही होती थी किसी बेटी बहु और गरीबों के जमीन पर कब्जा कर सके लेकिन अब समय बदल गया। आज जमीन के साथ हमारी इज्जत भी खतरे में है। जीवन की सबसे मूल जरूरत शिक्षा और स्वास्थ्य का बाजारीकरण जो गया जिंदा ही नही मुद्रो से भी पैसे लिए जाते है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद मानते हैं की 80 करोड़ लोग राशन पर जी रहे है। सारी सरकारी व्यवस्था को प्राइवेट किया जा रहा जिसे पिछड़े और दलित के बच्चों का उत्थान नही हो पायेगा। अब कोई सामंती बूथों पर कब्जा नही कर पायेगा क्योंकि हमारा युवा साथी शिक्षित और सबल हो गया है।