अवधनामा संवाददाता
सीएचसी मोतीचक में आयोजित रहा राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम
कुशीनगर। मानसिक रोग किसी को भी हो सकता है। इसे लेकर झाड़-फूंक और अंधविश्वास के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। नींद न आना, चिंता, घबराहट, अवसाद, उलझन आदि का बना रहना, मिर्गी के दौरे, बेहोशी आना, बुद्धि का कम विकास मानसिक रोग के लक्षण हैं, जिनका इलाज संभव है।
उक्त बातें बुधवार को रामकोला विधायक विनय प्रकाश गौंड ने सीएचसी मोतीचक (मथौली) में आयोजित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का उद्घाटन करने के दौरान उपस्थित लोगों के बीच कहा। विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे हाटा विधायक मोहन वर्मा ने कहा कि इस बीमारी की बड़ी वजह शारीरिक थकान और तनाव है मगर ध्यान, योग, परस्पर बातचीत से मानसिक तनाव कम किया जा सकता है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ राजेश कुमार मद्धेशिया ने कहा कि भागदौड़ भरी जीवन शैली में सबसे ज्यादा युवा मानसिक बीमारी से ग्रस्त हैं। सकारात्मक सोच, रोगी से भावनात्मक लगाव और प्रेरणादायक माहौल देकर काफी हद तक मानसिक बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। सरकार हर तरह से स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सजग है। इसके बाद शिविर में मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ विनोद कुमार गुप्ता, जिला अस्पताल से आये चिकित्सक बृजकिशोर, योगिता कुशवाहा व अमृता की टीम ने मानसिक रोग से ग्रसित कुल 93 मरीजों को देखा गया और दवा वितरण किया गया। शिविर का संचालन बीपीएम सुनील कुमार जबकि अध्यता मंडल अध्यक्ष मथौली वीरेंद्र पांडेय ने किया। कार्यक्रम में आये सभी अतिथियों के प्रति प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ राजेश कुमार मद्धेशिया ने आभार व्यक्त किया गया। इस मौके पर डॉ सुधीर तिवारी, डॉ फैसल अब्बास, डॉ सर्फयाब, अजय वर्मा, बीएचडब्ल्यू राकेश मद्धेशिया, आदित्य सिंह, सतेंद्र मिश्रा, बीसीपीएम राजेश कुमार, चन्दन श्रीवास्तव, रविन्द्र गौंड, हरेराम गुप्ता, कृष्णमणि त्रिपाठी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
मानसिक विकार की श्रेणी बहुत ही लंबी-चौड़ी है। इस बीमारी में मस्तिष्क से जुड़ी हर तरह की समस्याओं को शामिल किया जा सकता है। मानसिक बीमारी में पार्किंसन, अल्जाइमर, ऑर्टिम, डिस्लेक्सिया, डिप्रेशन, तनाव, चिंता, कमजोर याददाश्त, डर, भूलना समेत अन्य बहुत सी बीमारी शामिल हैं। ऐसे मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार करें। उनके साथ समय दें, ताकि वह अकेलापन महसूस न करें।
डॉ विनोद कुमार गुप्ता, मानसिक रोग विशेषज्ञ