रिटायर्ड चतुर्थ श्रेणी कर्मी को सेवाएं देते पाने पर लगी फटकार
शाहजहाँपुर। जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह ने पुराने जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। विशेष रुप से पुराने जिला चिकित्सालय में बनाए जा रहे हैं दिव्यांग प्रमाण पत्र के पटल का निरीक्षण किया तथा निरीक्षण के दौरान मौजूद कर्मचारियों से उनका नाम, पदनाम तथा उनके कार्य से संबंधित जानकारी ली । इस दौरान एक रिटायर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के मौजूद होने पर जिलाधिकारी ने जानकारी ली कि वह किस कार्य हेतु आए हैं स्पष्ट जवाब न मिलने पर जिलाधिकारी ने सेवानिवृत कर्मचारी को फटकार लगाई, तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सख्त निर्देश दिए कि अनाधिकारिक लोग कार्यालय में मौजूद ना रहे, यदि अनाधिकारिक रूप से कोई कार्य करते पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी । साथ ही दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने आए हुए लोगों से जिलाधिकारी ने जानकारी ली कि उनसे किसी ने कार्य करने के एवज़ में रुपए तो नहीं मांगे हैं, जिस पर मौजूद लोगों ने बताया कि किसी ने भी उनसे रुपए नहीं मांगे हैं। निरीक्षण के दौरान उन्होने बनाए गए दिव्यांग प्रमाण पत्रों की जानकारी ली जिस हेतु ईएनटी सर्जन, विकलांग बोर्ड के मेंबर डॉक्टर पीएस मौर्य ने बताया कि आज केवल 5 दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने हेतु जो भी दिव्यांग आ रहे हैं उनकी दिव्यांगता की जांच के लिए जिला चिकित्सालय भेजा दिया जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि कमरे में सामान अव्यवस्थित रूप से बिखरा पड़ा है। खाली पानी की बोतलों को अलमारी में रखा गया है, फाइलें तथा पेपर मेज पर बिखरे पड़े हैं, अलमारी के ऊपर अप्रयुक्त वस्तुओं को अव्यवस्थित ढंग से रखा गया है तथा बाहर की ओर परिसर में फर्नीचर तथा अलमारियां अव्यवस्थित रूप से पड़ी पायी गयी, जिस पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि वह जल्द कार्यालय में अव्यवस्थित रूप से रखी गई चीजों को व्यवस्थित ढंग से रखवायें तथा बाहर परिसर में रखी अलमारी और फर्नीचर को हटाकर विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने आए हुए व्यक्तियों के लिए बैठने की व्यवस्था करें तथा खराब पंखे को सही करवाएं, इस दौरान पास के ही एक कमरे में अर्बन हेल्थ कोऑर्डिनेटर पुनीत कुमार द्वारा ई- कवच ऐप की ट्रेनिंग दी जा रही थी जिसे लेकर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि ई-कवच एप की ट्रेनिंग देने की व्यवस्था हॉल में करें, जिससे कि अधिक संख्या में लोग बैठ कर जानकारी प्राप्त कर सकें, साथ ही जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिए कि दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने आए हुए व्यक्तियों से किसी भी प्रकार से पैसा ना लिया जाए यदि ऐसा करते कोई पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
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