कोविड-19 में अपने माता-पिता को खो चुके निराश्रित बच्चों से डीएम ने किया सीधा संवाद

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मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लाभार्थी बच्चों की करायी गई कैरियर कांउसलिंग
ललितपुर। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत जनपद के 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे निराश्रित बच्चे जिन्होंने कोविड-19 के दौरान अपने माता-पिता दोनो को अथवा माता व पिता में से किसी एक को खो दिया है, को आज गुरुवार को कलैक्ट्रेट सभागार में एकसाथ बुलाकर जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी की अध्यक्षता में उनकी अलग-अलग विषय विशेषज्ञों व कांउसलरों द्वारा कैरियर कांउसलिंग करायी गई। इस दौरान जिलाधिकारी ने सभी बच्चों व उनके अभिभावकों से सीधा संवाद करते हुए उनकी समस्याएं, परेशानी तथा उनकी पढ़ाई-लिखाई एवं कैरियर के क्षेत्र, उनकी रुचि व स्वभाव के बारे में एक-एक कर पूछा, उन्होंने स्वयं बच्चों की कैरियर कांउसलिंग करते हुए कहा कि बच्चों को अभी कैरियर को लेकर ज्यादा चिंता नहीं करनी है, घर में अच्छे से रहें, एक अच्छा विद्यार्थी बने और खेले-कूदें। उसके बाद उसी में से आपके कैरियर का मार्ग निकलेगा। उन्होंने कहा कि इनकम जनरेट कर लेना जीवन की सफलता नहीं है, सफल जीवन के लिए अपने स्वभाव व रुचि के अनुरुप कार्य करके मस्त रहना है। उन्होंने कहा कि बच्चे अपने कौशल को पहचाने और अन्वेषण करें। उन्होंने कहा कि सभी के जीवन में कभी न कभी परेशानियां आती ही हैं, प्रत्येक सफल व्यक्ति जीवन के किसी दौर में संघर्षों से अवश्य ही जूझा है, तब वह सफल हुआ है। आपके जीवन में यह परेशानी जीवन के प्रारंभ में आ गईं हैं, तो आगे खुशहाली अवश्य आयेगी। इसके लिए मेहनत के साथ सकारात्मक रुप से आगे बढ़ें, सरकार पूरा ख्याल कर रही है। अलग-अलग विषयों पर कैरियर कांउसलरों द्वारा बच्चों को कैरियर परामर्श दी गई, जिसमें कांउसलरों द्वारा बताया गया कि बच्चे रोजाना 20-25 पेज पढऩे की आदत डालें, यह प्रत्येक कैरियर सफलता में कारगर होगा। जिला प्रोबेशन अधिकारी नन्दलाल सिंह ने योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रेरणादायक कविताओं से बच्चों का मनोबल बढ़ाया। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग निराश्रित महिला व बच्चों के पुनर्वास एवं संरक्षण के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है। उन्होंने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी, जिनमें प्रमुखत: निराश्रित महिला पेंशन, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, कन्या सुमंगला योजना, स्पोंसरशिप योजना, महिला सम्मान कोष, दम्पत्ति पुरस्कार, विधवा महिलाओं की पुत्रियों का विवाह एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान तथा मिशन शक्ति अभियान संचालित किये जाते हैं।
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