डी एम एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा युद्ध आपदाओं से संबंधित अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा निर्देश

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जिलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र पैंसिया एवं पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई द्वारा युद्ध आपदाओं की तैयारियों को लेकर संबंधित अधिकारियों के साथ एक जूम बैठक की। साइबर सिक्योरिटी को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। गेल यारा के एंट्री प्वाइंट को चेक करने तथा तेल एवं गैस की पाइपलाइन को लेकर भी पुलिस अधीक्षक द्वारा संबंधित अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की गयी एवं संबंधित को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

साइबर सेल के प्रभारी को निर्देशित करते हुए कहा कि इस समय के माहौल को देखते हुए अगर कोई गलत ट्वीट करता है तो उस पर त्वरित प्रभाव से कार्यवाही की जानी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने संबंधित को निर्देशित करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति भारतीय सेना आदि पर सोशलमीडिया के माध्यम से गलत कमेंट करता है तो उनपर निगरानी रखी जाए तथा उनको पुछताछ के लिए भी बुलाया जाए। स्वास्थ्य विभाग को भी एम्बुलेंस एवं आवश्यक चिकित्सा किट को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने संबंधित को निर्देशित करते हुए कहा कि अफवाहों के बारे में अलर्ट रहें। यारा तथा गेल जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जाए। जनपद के 49 गाँव जोकि संवेदनशीलता की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं उनको लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए तथा आपदा विशेषज्ञ अच्युत यादव को निर्देशित करते हुए कहा कि ग्राम कुल से संबंधित अधिकारी, खंड विकास अधिकारी तथा एडीओ पंचायत उन गांवों में वॉलंटियर्स, नेहरू युवा केन्द्र से जुड़े लोगों तथा रिटायर्ड आर्मी के लोगों की सूची तैयार करें तथा गायत्री परिवार को जागरूकता के लिए लगाएं।

इसके उपरांत जनपद बुलंदशहर के नरौरा में नागरिक सुरक्षा के अन्तर्गत युद्ध आपदाओं से संबंधित मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया जिसमें जिलाधिकारी डॉ राजेन्द्र पैंसिया एवं पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। मॉक ड्रिल के अन्तर्गत नागरिक सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि हवाई हमले के समय हम किस तरह से कार्य कर सकते हैं तथा सीमित व्यवस्थाओं में घायल हुए लोगों एवं अन्य लोगों की मदद कर सकते हैं। हवाई हमले के समय बजने वाले सायरन को कैसे पहचाने उसको लेकर भी जानकारी दी गयी। उन्होंने सायरन की अविधि के विषय में भी बताया हवाई हमले के समय दो मिनट का सायरन अविधि होती है। हवाई हमले के समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए उसके विषय में भी जानकारी दी।

हवाई हमले के समय शैलटर लेने तथा पेट के बल लेट कर सीने को ऊपर उठाते हुए कानों पर हाथ रख लेने चाहिए ताकि बम धमाके की आवाज न सुनाई दे या धीमे सुनाई दे। हवाई हमला खत्म होने पर पुन्: दो मिनट का सायरन बजता है तथा इसकी आवाज एक समान होती है।हवाई हमले के समय लगने वाली आग को कैसे बुझाया जाए तथा घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए कैसे ले जाया जाए तथा सीपीआर कैसे दें। घरों की छत्तों पर कोई कोई कबाड़ न रखा हो इसको भी ध्यान रखने के लिए कहा गया।

हवाई हमले के समय नालों के उपयोग को लेकर भी जानकारी दी गयी बताया गया कि इसके द्वारा भी अपने को सुरक्षित रखा जा सकता है। एनडीआरएफ तथा सीआईएसएफ की टीम द्वारा भी महत्वपूर्ण जानकारियां दीं गयी। उन्होंने ब्लैक आउट के विषय में भी बताया गया तथा ब्लैक आउट के समय क्या करना चाहिए तथा क्या नहीं करना चाहिए उसके विषय में भी बताया गया। उन्होंने बताया कि इस समय प्रकाश बिल्कुल बंद रखना चाहिए, कोई भी रौशनी न जलाएं तथा बाहर न निकले एवं वाहन न चलाएं तथा वाहन की लाइट भी न जलाएं।

इसके उपरांत बबराला में सांय 7: 30 बजे से 8 बजे तक ब्लैक आउट कराया गया तथा नगर की सभी लाइटों को बंद कराया गया, जनसामान्य ने अपनी इन्वर्टर सहित सभी लाइट एवं प्रकाश के उपकरणों को बंद रखा।

बहजोई के मंडी समिति स्थित पुलिस लाइन में भी हवाई हमले से संबंधित मॉक ड्रिल किया गया जिसमें हवाई हमले के समय क्या करना चाहिए तथा क्या नहीं करना चाहिए उसके विषय में जानकारी दी गयी।

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रदीप वर्मा तथा अपर पुलिस अधीक्षक अनुकृति शर्मा ,सहायक पुलिस अधीक्षक/ क्षेत्राधिकारी सम्भल आलोक भाटी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ तरुण पाठक एवं आपदा विशेषज्ञ अच्युत यादव एवं संबंधित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे। यारा फर्टिलाइजर एवं गेल बबराला में भी मॉक ड्रिल किया गया। जिसमें उप जिलाधिकारी गुन्नौर दीपक चौधरी तथा क्षेत्राधिकारी गुन्नौर दीपक तिवारी एवं यारा एवं गेल से संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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