आगरा। जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी द्वारा बुधवार को लेडी लायल महिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा चिकित्सालय में साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महिला को निर्देश दिए गये कि सभी वार्डों में साफ-सफाई के साथ-साथ पुरूष व महिला शौचालयों में साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए तथा पीने के पानी व ओआरएस काउन्टर की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे आगंतुकों को भीषण गर्मी में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि वह स्वयं प्री-प्रसव वार्ड तथा पोस्ट प्रसव वार्ड के साथ साथ लेबर रूम का भी निरीक्षण कर उसकी आख्या उपलब्ध करायें। तत्क्रम में मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह द्वारा निरीक्षण कर जिलाधिकारी को अवगत कराया गया कि वार्डों में जो भी कमियां मिली हैं, उसके लिए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महिला को निर्देश दे दिए गये हैं साथ ही अनुपालन आख्या भी उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए गये हैं।
जिलाधिकारी द्वारा चिकित्सा परीक्षण, जॉच एवं प्रसव आदि की जानकारी चाहने पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महिला द्वारा अवगत कराया गया कि दिनांक 28 अप्रैल 2025 को 15, दिनांक 29 अप्रैल को 09 तथा दिनांक 30 अप्रैल को अब तक 20 प्रसव कराये जा चुके हैं। जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत प्रसव उपरान्त प्रोत्साहन भत्ता के भुगतान के सम्बन्ध में बताया गया कि 01 अप्रैल से अब तक बजट के अभाव में भुगतान नहीं किया जा सका है। जिस पर जिलाधिकारी द्वारा जननी सुरक्षा योजना से सम्बन्धित पंजिका यथा प्रसव पंजिका, जननी सुरक्षा फार्म प्राप्ति पंजिका, डिस्चार्ज पंजिका आदि का गहनता से परीक्षण किया गया। परीक्षण में उन्होंने पाया कि जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत प्रसव के उपरान्त प्रोत्साहन भत्ता का भुगतान निर्धारित 48 घण्टे से अधिक में किया जा रहा है।
जिस पर जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि प्रोत्साहन भत्ते का भुगतान 48 घण्टे के अन्दर लाभार्थी को किया जाना सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी द्वारा यह भी निर्देश दिए गये कि पंजिकाओं में विवरण का अंकन सुस्पष्ट किया जाए, ताकि अंकनकर्ता के अतिरिक्त कोई भी उसको पढ़ सके। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि गर्भवती महिलाओं से आधार कार्ड नम्बर व बैंक खाते का विवरण एएनसी के समय ही प्राप्त कर लिया जाए, जिससे उनको समय से प्रोत्साहन भत्ता प्रदान किया जा सके। इसके अलावा उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सम्बन्धित सभी कार्मिकों के दायित्वों का निर्धारण करते हुए उनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए, ताकि कार्यों के सम्पादन में शिथिलता बरतने पर उनके विरूद्ध उचित कार्यवाही की जा सके।