अवधनामा संवाददाता
धार्मिक स्थानों पर नारे लगाने पर रोक
27 अक्टूबर को पूर्व निर्धारित मार्ग से निकलेगा जुलूस
बांदा। इस्लामी कलेंडर के मुताबिक रबिउस्सानी माह की 11 तारीख को जुलूस-ए-गौसिया निकाला जाएगा। इसको लेकर मरकजी कमेटी खुद्दामे गौसो ख्वाजा के तत्वावधान में छिपटहरी स्थित खानकाह शरीफ दरगाह में तैयारी बैठक की गई। इसमें कमेटी के पदाधिकारियों से डीजे व पखाटों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाते हुए छोटे झंडे लेकर जुलूस में शामिल होने को कहा गया।
बैठक की सदारत (अध्यक्षता) करते हुए मौलाना शफीकुद्दीन ने कहा कि गौस-ए-आजम हजरत अब्दुल कादिर जिलानी की याद में हस साल अरबी महीने रबी-उल-सानी की 11 तारीख इस वर्ष चांद के अनुसार 27 अक्टूबर को जुलूस-ए-गौसिया निकाला जाता है। हजरत अब्दुल कादिर जिलानी की मजार इराक के बगदाद में है। वे सूफी कादरी सिलसिले के संस्थापक हैं। उनके सूफी सिलसिले से दुनिया भर के लाखों लोग जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को दोपबर 3 बजे खानकाह दरगाह से पूर्व की तरह अपने निर्धारित रास्ते से ही जुलूस-ए-गौसिया निकाला जाएगा। मरकजी कमेटी सचिव मेराज हशमती ने कहा कि शरीयत के दायर में रहकर अदबो-अदब के साथ जुलूस-ए-गौसिया में शिरकत करें कोई भी काम शरीयत को छोड़कर नहीं करना है।
मीडिया प्रभारी सैय्यद इमरान अली ने कहा कि हैवी साउंड व शस्त्र आदि लेकर शामिल होने पर पाबंदी रहेगी। किसी प्रकार सियासी या ऐसे नारे न लगाएं जो किसी भी समुदाय अथवा व्यक्ति विशेष को ठेस पहुंचाने वाले हों। 11 फिट से ऊंचे झंडे को जुलूस में शामिल नहीं किया जाएगा। बैठक में शोएब नियाजी, गौसुल इमरान, अब्दुर्रहमान, फारूक अहमद, नसीब चिश्ती, मोहम्मद अनीस, अहमद उल्ला, मुबश्शर रजा, सैय्यद अख्तर अली, गुल मोहम्मद सहित अन्य कमेटियों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल रहे।