दीपावली पर्व : द्वार-द्वार जले दीप, जगमग हुआ गांव और शहर

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अवधनामा संवाददाता

कुशीनगर। सुख, सौभाग्य और समृद्धि के महापर्व दीपावली शहर से लेकर गांव में धूमधाम से मनाई गई। हर घर दीयों की टिमटिमाहट से रोशन हुए। बच्चों से लेकर बड़ों में खासा उत्साह देखा गया। लोगों ने एक-दूसरे के घरों में जाकर शुभकामनाएं दी। इसके अलावा मोबाइल व व्हाटस एप के माध्यम से सगे संबंधियों और परिचितों को बधाई संदेश भेजे। शाम के समय लोगो ने अपने घरों में लक्ष्मी-गणेश की पूजा र्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की गई। घरो में विभिन्न तरह की रंगोली सजाने के साथ ही पंक्तिबद्ध ढंग से दीप रोशन किए गए। दुकानों और प्रतिष्ठानों में भी दीप प्रज्जवलित किए गए। बाजार देर रात तक खुले रहे।

लोगों ने पूजन सामग्री, फूल, मिठाइयों और पटाखों की खरीदारी की। घरों और प्रतिष्ठानों पर इलेक्ट्रिक झालरों, बल्बों व दीपों की रोशनी से पूरा शहर जगमगा उठा। आसमां में रंगीन आतिशबाजी देर रात तक होती रही। दुकानदारों ने भी देर रात तक लक्ष्मी-गणेश प्रतिमा की स्थापना की। इस दौरान नए बहीखाता की पूजा कर नए खाते में कारोबार के लेखा का श्रीगणेश किया। दीपावली पर केले थम की काफी महत्व होने के कारण लोगों 150 से 250 रुपये जोड़ा में थम की बिक्री हुई। लोगों ने दीपावली पर कैंडिल और आकाश दीप भी जलाए।

देर रात तक बिखरती रही आसमान पर रंग बिरंगी रोशनी की छटा

अंधेरे पर उजाले की विजय का त्यौहार दीपावली  पर घरों को दुल्हन की तरह सजाया गया। देर रात तक आसमान पर रंग बिरंगी रोशनी की छटा बिखरती रही। घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में गणेश लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा कर धन, वैभव की कामना की गयी।दीपावली पर देर रात तक बाजार गुलजार रहे। दीपावली की तैयारी में जुटे लोग बाजार में लोग त्योहार मनाने के लिए खरीददारी करते रहे। लोगों में घरों को सजाने की मानो होड़ सी लगी हुई थी। गणेश लक्ष्मी की मूर्ति व कलेण्डर की खूब मांग रही। वंदनवार, रंग बिरंगी आकर्षक झालर खरीदने के लिए दुकानों पर भीड़ रही। घरों को आकर्षक वंदनवार, फूलों और बिजली की आकर्षक झालरों से जाया गया। घरों पर लगायी गयी बिजली की झालरें और अन्य आइटम की सजावट देखते ही बनती थी। घरों में गणेश लक्ष्मी का पूजन किया गया। व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर विधि विधान से गणेश लक्ष्मी की पूजा के साथ ही नये बहीखातों का पूजन किया गया।

दीपावली पर डेढ करोड़ के पटाखे हुए धुआं

प्रदूषण मुक्त दीपावली की मुहिम जिले में फेल हो गई। प्रकाश पर्व पर तकरीबन डेढ करोड़ से अधिक के पटाखे धुआं हो गए। पटाखा की दुकानों पर बच्चों, युवाओं और बड़ों की भीड़ लगी रही। कोरोना काल का भी युवाओं पर असर नहीं दिखा। हर कोई पटाखा खरीदता दिखा। पडरौना नगर के जूनियर हाई स्कूल के मैदान में पटाखा की दुकानें सजी रहीं। वैसे तो धनतेरस से ही पटाखा बिकना शुरू हो गया था लेकिन रविवार व सोमवार को सबसे अधिक पटाखो की खरीददारी की गई। जनपद मे वैसे तो सौ से ज्यादा अस्थायी लाइसेंस जारी किया गया था लेकिन हकीकत में पटाखा की  पाच सौ से अधिक दुकानें सजीं रहीं। जिले के पडरौना, कसया, हाटा तमकुहीराज, कप्तानगंज, खड्डा सहित अन्य बाजारों में बेधड़क दुकानों पर पटाखा बिका। कई दुकानदारों ने अनुमान जताया कि दो दिनों में पटाखा का लगभग डेढ करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ।

दुल्हन सी सजी गलियां

दीवाली को लेकर एक तरफ जहां बाजार गुलजार रहे वही हर गली घर दुल्हन की तरह सजा नजर आया। तन पर नए कपड़ों और रांगोली से सजे आंगनों में किलकारियां सुबह से ही गूंजने लगीं। पकवानों की भीनी खुशबू बच्चों के मन को लुभाती रही। तैयारियों के दौर के बाद शाम का वक्त आया तो टोलियां तैयार हो गईं। सभी ने भगवान गणेश, माता महालक्ष्मी, कुबेर का पूजन किया और फिर आरती के स्वरों के बीच दीपों का दान किया गया। रंग-बिरंगी सजावट के बीच घर दीपमालाओं से जगमग हो उठे। इसके बाद बच्चों का चिर-परिचित इंतजार खत्म और आतिशबाजी व पटाखों की गडगड़़ाहट की शुरुआत हुई जो देर रात तक चलती रही। पर्यावरण की दृष्टिकोण इस बार अधिकांश लोगों ने पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने वाले धीमी आवाज के बमों व सुरक्षित आतिशबाजी का उपयोग किया।

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