अवधनामा संवाददाता
अयोध्या । जिलाधिकारी नितीश कुमार ने अयोध्या धाम में उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा संचालित विभिन्न सौंदर्यीकरण एवम् विकास परियोजनाओं के प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा सर्व प्रथम अयोध्या धाम के विभिन्न ऐतिहासिक एवं पौराणिक मठ-मंदिरों, आश्रमों, भवनों एवं कुंडों आदि को उनकी ऐतिहासिक वास्तुकलाओं को संजोन-संवारने एवम् संरक्षित करने का चरणवद्ध तरीके से किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर परियोजना प्रबंधक यूपीपीसीएल ने बताया कि 84 कोसी, 14 कोसी एवं पंचकोसी परिक्रमा मार्गों के समीप किनारे स्थित पर्यटन स्थलों यथा पौराणिक कुण्डों, आश्रमों आदि के पर्यटन विकास निर्माण एवं जीर्णोद्धार का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि 14 कोसी परिक्रमा मार्ग के किनारे स्थित पर्यटन स्थलों यथा लक्ष्मीसागर कुंड, वैतरणी कुंड, निर्मली कुंड, गिरजा कुंड, विघ्नेश्वर नाथ शिव मंदिर एवं विभीषण कुंड, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के किनारे/समीप स्थित पर्यटन स्थलों यथा सुग्रीव किला, अशर्फी भवन, छोटी देवकाली, नागेश्वर नाथ मंदिर, श्रेश्वर नाथ मंदिर, मुंडा शिवालय, दन्तधावन कुंड, प्रहलाद कुंड, जानकी कुण्ड, मोनी बाबा आश्रम, कौशल्या घाट, विद्या देवी कुंड, सीता कुंड, दशरथ कुंड तथा 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित पर्यटन स्थलों/कुंडों एवं आश्रमों यथा दुधेश्वर कुण्ड (सीताकुंड), महर्षि वामदेव आश्रम, जन्मेजय कुंड, नरकुंड, महर्षि वेद व्यास गेट गौराघाट, महर्षि वामदेव आश्रम व तालाब, त्रिपुरारी कुंड, दशरथ समाधि स्थल, नंदीग्राम भरतकुंड, श्रवण कुमार आश्रम, आस्तिक आश्रम, ऋषि च्यवन आश्रम, मेधा ऋषि आश्रम, श्री बंधु बाबा आश्रम व महर्षि वामदेव आश्रम व तालाब के जीर्णोद्धार एवं पर्यटन सुविधाओं के विकास कार्य यूपीपीसीएल द्वारा किया जा रहा है।प्रोजेक्ट मैनेजर यूपीपीसीएल ने बताया कि अब तक यूपीपीसीएल द्वारा सुग्रीव किला, अशर्फी भवन, छोटी देवकाली, नागेश्वरनाथ मन्दिर, मुण्डा शिवाला का शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में दंतधावन कुण्ड 80 प्रतिशत, सीताकुण्ड 70 प्रतिशत, विद्यादेवी कुण्ड 90 प्रतिशत, दशरथ कुण्ड 50 प्रतिशत, गिरिजा कुण्ड 70 प्रतिशत, लक्ष्मीसागर कुण्ड 50 प्रतिशत व विभीषण कुण्ड 30 प्रतिशत, महर्षि वामदेव कुण्ड 80 प्रतिशत व आश्रम 70 प्रतिशत, आस्तीकन आश्रम 70 प्रतिशत, श्रवण कुमार आश्रम 75 प्रतिशत, मेधा ऋषि आश्रम 40 प्रतिशत, ऋषि च्यवन मुनि आश्रम 40 प्रतिशत, जन्मेजय कुण्ड 80 प्रतिशत, दुग्धेश्वर कुण्ड (सीताकुण्ड) 70 प्रतिशत, विघ्नेश्वर नाथ मन्दिर 20 प्रतिशत, नन्दीग्राम भरतकुण्ड 75 प्रतिशत, महर्षि वेद व्यास गेट गौरा घाट 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। साथ ही प्रह्लाद कुण्ड, जानकी महल, मौनी बाबा आश्रम, सिद्धेश्वरनाथ मन्दिर, वैतरणी कुण्ड, निर्मली कुण्ड, नर कुण्ड सहित अन्य विभिन्न स्थानों पर भी कार्य शीघ्र प्रारम्भ कर दिया जायेगा। जिलाधिकारी ने समस्त कार्य स्थलों पर अलग-अलग टीमें व प्रत्येक टीम में अधिक से अधिक कुशल कारीगरों मानव संसाधन लगाकर तीव्र गति से कार्य कराने तथा सभी कार्यों में गुणवत्ता एवम् कार्य की विशिष्टियों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए।इस अवसर पर जिलाधिकारी ने यूपीपीसीएल द्वारा कराए अन्य कार्यों की समीक्षा के दौरान प्रोजेक्ट मैनेजर यूपीपीसीएल ने बताया कि चौक में चार ऐतिहासिक प्रवेश द्वारों के संरक्षण एवम् सौंदर्यीकरण का भी कार्य प्रगति पर है। गुप्तार घाट में तृतीय चरण के सौंदर्यीकरण कार्य के तहत टिकट घर, गार्ड रूम, टॉयलेट ब्लॉक के श्लैब का कार्य पूर्ण है व ओपन एयर थियेटर सहित अन्य कार्य प्रगति पर है। इस दौरान उन्होंने सरयू नदी के नयाघाट से लक्ष्मण घाट तक पर्यटन सुविधाओं का विकास एवम् सौंदर्यीकरण का 25 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। सरयू नदी पर राम की पैड़ी से राजघाट तक, राजघाट से भगवान श्रीराम मंदिर तक श्रद्धालु भ्रमण पथ के सुदृणीकरण एवम् जीर्णोद्धार का 23 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। इसी प्रकार सरयू नदी के दाएं तट पर गुप्तारघाट व राजघाट के मध्य पक्के घाटों एवम् पूर्व निर्मित घाटों पर पुनरोद्धार कार्य का 32 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अयोध्या-अंबेडकरनगर मार्ग, अयोध्या, लखनऊ मार्ग व अयोध्या-रायबरेली मार्ग पर निर्माणाधीन गेट कॉम्प्लेक्स टी.एफ.सी. के कार्यों के प्रगति की भी जानकारी ली। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने राम की पैड़ी पर दीपोत्सव एवम् अन्य मेले महोत्सवों हेतु दर्शक दीर्घा के निर्माण कार्यों के प्रगति की जानकारी ली जिसके निर्माण से दीपोत्सव एवम् अन्य मेले/महोत्सवों में 15 हजार से अधिक अतिरिक्त दर्शकों के बैठने की अच्छी व्यवस्था उपलब्ध होगी। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने बताया कि अयोध्या धाम में स्थित सूर्यकुण्ड, हनुमान कुण्ड, स्वर्णखनि कुण्ड एवं गणेश कुंड में कार्य पूर्ण भी हो चुका है, इन स्थलों पर सभा स्थल, छतरी, टायलेट, म्यूरल वाल, घाट एवं प्लेटफार्म, ऑटो वाटर फिल्टैशन, बेंच, डस्टबिन, रेलिंग, साइनेज, लाइटिंग और पेयजल व्यवस्था आदि कार्य किया गया है, इन्ही कुंडों के तर्ज पर उक्त कुंडों को भी संरक्षित करने एवं संवारने का कार्य चल रहा है इसी तरह चरणवद्ध रूप से अन्य ऐतिहासिक एवम् पौराणिक कुंडों, मठ मंदिरों को संरक्षित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अयोध्या धाम के विभिन्न पौराणिक ग्रन्थों में उल्लिखित मठ-मन्दिरों एवं ऐतिहासिक भवनों इमारतों की वास्तुकला को तत्समय प्रयुक्त की गयी निर्माण सामग्रियों के माध्यम से ही संरक्षित करने का कार्य तीव्र गति से प्रगति पर है। इसी के साथ ही अन्य ऐतिहासिक इमारतों एवं मठ-मन्दिरों को भी संरक्षित करने का कार्य चरणवद्ध तरीके से किया जायेगा। उन्होंने सम्बन्धित कार्यदायी संस्थाओं को अपेक्षित समय में समस्त कार्यों को गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण करने के निर्देश दिये।