बाल श्रम से अवमुक्त बाल श्रमिक के परिवार से मिले जिलाधिकारी

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ललितपुर। जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी बुधवार को ग्राम मसौरा कला पहुंच कर अवमुक्त किशोर श्रमिक के परिवार से मिले। उक्त किशोर श्रमिक शहर की एक साड़ी की दुकान में कार्यरत था। जिसे बाल श्रम रोको अभियान के तहत कार्य से अबमुक्त कराया गया था। अवमुक्त किशोर श्रमिक व उनके परिवार से वार्तालाप करने पर बताया गया कि उनका राशन कार्ड बना हुआ है। सरकारी आवास की सुविधा उन्हें मिली है। साथ ही बच्चे के दादा-दादी को पेंशन का लाभ सरकार द्वारा दिया जा रहा है। माता-पिता खेती-किसानी का कार्य करते हैं, जबकि बच्चा वर्तमान में पी.एन. इण्टर कालेज में कक्षा-10 का नियमित छात्र है। बाल/किशोर श्रमिकों के नियोजन की सम्भावना वाले व्यवसायों तथा होटलों, ढाबों, आटोमोबाइल्स, गैरिजों, दुकानों आदि में नियोजित बाल/किशोर श्रमिकों के चिन्हांकन हेतु विशेष बाल श्रम चिन्हांकन अभियान चलाया जाता है, जिसके उपरान्त नियोजित बाल श्रमिकों को कार्य से अवमुक्त कराया जाता है व सेवायोजकों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाती है, परन्तु अवमुक्त कराने के उपरान्त चिन्हित बाल श्रमिकों के परिवार की समस्याओं की जानकारी नहीं हो पाती थी की किस कारण वह मजबूरी में बाल श्रम करते हैं। जिलाधिकारी की मंशास्वरूप श्रम विभाग एवं प्रशासनिक टीम द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में चिन्हित बाल/किशोर श्रमिकों का डेटा जनपद के 24 जिला स्तरीय अधिकारियों की ड्युटी इस आशय से लगायी गयी है कि अवमुक्त होने के उपरान्त बाल/किशोर श्रमिक वर्तमान में किस तरह जीवन-यापन कर रहे हैं, का विवरण/वर्तमान पारिवारिक स्थिति की जानकारी हो सके और उन्हें शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके। जिलाधिकारी द्वारा शासन द्वारा निर्धारित मजदूरी की जानकारी चाही गयी जिसमें मौके पर उपस्थित श्रम प्रवर्तन अधिकारी डी.पी. अग्रहरि द्वारा बताया गया कि न्यून्तम मजदूरी अधिनियम 1948 के अन्तर्गत 74 विशेष कार्यों हेतु जारी मजदूरी दर यथा कुशल श्रमिक-13,186/-रू0, अद्र्ध कुशल श्रमिक-11,772/-रू0, अकुशल श्रमिक-10,701 रुपये प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान है, जबकि प्रकाश में आया है कि सेवायोजकों, दुकानदारों द्वारा न्यून्तम मजदूरी श्रमिकों को नहीं दी जा रही है। जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि इससे कम वेतन भुगतान किये जाने पर चालानी कार्यवाही की जाये और 10 गुना वसूली की कार्यवाही की जाये। श्रम प्रवर्तन अधिकारी डी.पी. अग्रहरि द्वारा बताया गया कि जनपद को बाल श्रम मुक्त कराये जाने हेतु निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं एवं बाल कानून का उल्लंघन करने पर सम्बन्धित सेवायोजकों/दुकानदारों के विरूद्ध नोटिस भेजने के उपरान्त प्राभियोजन दायर करने की कार्यवाही की जायेगी, यह कार्य निरन्तर किया जायेगा और शासन के आदेशानुसार प्रत्येक माह कार्यवाही की जायेगी। जिसमें 20,000/- से 70,000/- तक जुर्माना व 6 माह से 02 साल तक की सजा अथवा दोनो का प्रावधान है।

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