हरदोई, 27 जनवरी 2025ः-जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने प्रारम्भ से ही जिन्दा व्यक्ति को मृतक दिखाए जाने को गंभीरता से लिया है। कई मामलों में उन्होंने दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की है तथा मृत्यु प्रमाण पत्र निरस्त कराया है। विभिन्न माध्यमों से जिलाधिकारी की गंभीरता की जानकारी मिलने पर काफ़ी संख्या में मृतक दिखाए गए जिन्दा व्यक्तियों ने न्याय की उम्मीद में जिलाधिकारी के पास आना शुरू कर दिया। इसी कड़ी में आज 80 वर्ष के एक वृद्ध भइया साहब उर्फ भइया सिंह पुत्र शंकर निवासी ग्राम बरनई चतरखा, थाना हरपालपुर, तहसील सवायजपुर द्वारा एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया उन्होंने बताया कि उनको मृतक दिखाते हुए 02 अप्रैल 2019 को तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम पंचायत बरनई चतरखा, विकास खण्ड साण्डी द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। इस सम्बन्ध में शिकायतकर्ता द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति, जिसमें मृत्यु की तिथि 02 मई, 2018 अंकित है और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने की तिथि 02 अप्रैल, 2019 अंकित है, उपलब्ध कराई गई। परिवार रजिस्टर की नकल भी प्रार्थना पत्र के साथ सलग्न की गई जिसमें इनकी मृत्यु 02 मई, 2018 अंकित करते हुए मृतक के रूप में दर्शाया गया है। जिलाधिकारी ने तत्काल बीडीओ सांडी को इस बात की जाँच करने का निर्देश दिया कि क्या भइया साहब उर्फ भइया सिंह वहीं जीवित व्यक्ति हैं, जिनका मृत्यु प्रमाण पत्र दिनांक 02 अप्रैल, 2019 को जारी किया गया है, क्योंकि इनके द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में उल्लिखित विपक्षियों के विरूद्ध स्वयं की भूमियों पर अवैध कब्जे की शिकायत की जा रही है।
उन्होंने निर्देशित किया कि जांच आख्या 07 दिन के अन्दर उपलब्ध कराएं। इस प्रकरण में यदि शिकायत सही है तो उत्तरदायी तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी को चिन्हित किया जाए तथा उसके विरूद्ध जीवित को मृतक दिखाकर अवैधानिक एवं अनुचित कार्य करने तथा विपक्षियों को अनुचित लाभ पहुंचाने और पदीय दायित्वों का निर्वहन न करने के आरोप में प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज करायी जाए। साथ ही शिकायत सही होने पर मृत्यु प्रमाण पत्र निरस्त कराने की कार्यवाही की जाये।
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