सीसीटीवी कैमरों से होगी जिलाअस्पतालों की निगरानी

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बाहर की दवाऐं लिखने पर होगी कार्रवाई

अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान

हमीरपुर : सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों ने व अन्य कर्मचारियों की मनमानी किसी से छिपी नहीं है इन्ही सब मामलों की हकीकत को जानने के लिए स्वास्थ्य मन्त्री ने बहुत सी सरकारी अस्पतालों का स्थलीय निरीक्षण किया जिस में उन्हें बहुत कमियां नजर आयी। स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर स्वास्थ्य मंत्री के जिलों के निरीक्षण के बाद निर्देश जारी किए गए हैं। इससे जिला अस्पतालों और चिकित्सकों की मनमानी पर शिकंजा कसेगा। इसके तहत अस्पतालों की निगरानी सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी। जनपद
हमीरपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था हाल ऐसा जिस को शब्दों में ब्यान कर पाना सम्भव नही सी ऐस सी, पी ऐस सी के अलावा यूनानी व आर्योवेदिक अस्पतालों में डाक्टरों के गायब रहने की कहानी बहुत लम्बी है। जिले में हाजिरी लगाकर अब डॉक्टर ड्यूटी से नदारद नहीं रह सकेंगे। जिला अस्पताल अब राज्य मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम जुड़ेंगे। सीसीटीवी हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। सीसीटीवी कैमरे इस हिसाब से लगाए जाएंगे कि ओपीडी काउंटर और दवा वितरण काउंटर हर हाल में उसकी जद में रहे।
यह निर्देश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. वेदव्रत सिंह को भेजे पत्र में दिए हैं। यह निर्णय प्रदेश अलग-अलग जिलों में डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के भ्रमण में पाई गई कमियों के बाद लिया गया है।
शासन के निर्देश पर मंडल के हमीरपुर-महोबा, बांदा, चित्रकूट समेत प्रदेश के सभी अस्पताल राज्य मुख्यालय की निगरानी को लेकर कवायद शुरु हो गई है। जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि सभी राजकीय अस्पतालों में स्वच्छ पेयजल की उचित व्यवस्था हो। सभी अस्पतालों का एनक्यूएएस (नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड) का प्रमाणीकरण कराया जाए।
वहीं, जिन अस्पतालों में प्रमाणीकरण नहीं हुआ है, वो तत्काल इस कार्यवाही को शुरू करें। सभी अस्पतालों में मशीनों का रखरखाव और उपयोग ठीक से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। अपरिहार्य परिस्थिति में ही जांच बाहर से कराई जाए।
बाहर की दवाओं पर रहेगी रोक, प्रदर्शित होगी डॉक्टरों की सूची
सीएचसी और पीएचसी पर डॉक्टरों की सूची एक नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित की जाए, जहां उनकी उपस्थिति के समय का भी उल्लेख हो। यह सुनिश्चित कराने को कहा गया है कि कोई चिकित्सक बाहर की दवाएं न लिखे। अस्पतालों में पर्याप्त दवाएं उपलब्ध रहें। जन औषधि केंद्रों को क्रियाशील रखा जाए और अस्पताल में दवा खत्म होने पर इन केंद्रों पर उपलब्ध दवा लिखी जाए।
मंडल के जिला अस्पतालों में पहले से भी कई कैमरे लगाकर निगरानी की जा रही है। अब ओपीडी और दवा काउंटर की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे, जिसकी निगरानी राज्य मुख्यालय द्वारा की जाएगी। शासन द्वारा जारी निर्देशों का पाालन कराया जाएगा। -डॉ. नरेश सिंह तोमर, अपर निदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चित्रकूट धाम मंडल बांदा

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