पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों के दो संगठनों, पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन और जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के बीच आरजी कर अस्पताल में चिकित्सक की दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस मामले में एक संगठन पर दुष्कर्मी का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए दोनों के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है।
जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के प्रमुख किंजल नंद ने इस मामले में सवाल उठाया कि “आरोपित को कौन फंसा रहा है? क्यों फंसा रहा है? इसका उद्देश्य क्या है?” किञ्जल का कहना है कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो को इस मामले में पारदर्शिता बरतनी चाहिए।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने अपने सोशल मीडिया पेज से एक वीडियो संदेश जारी किया। एसोसिएशन के नेता अतनु विश्वास ने कहा, “आरजी कर अस्पताल की घटना में जिस व्यक्ति को दोषी ठहराया गया है, वह अदालत में यह दावा कर रहा है कि उसे फंसाया गया है। इसके बावजूद जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के नेता किंजल नंद इस मुद्दे पर सवाल उठा रहे हैं कि इसे फंसाया क्यों गया और किसने फंसाया। हम उनसे पूछना चाहते हैं कि आप जनता को किस ओर ले जा रहे हैं? क्या ये दुष्कर्मी के समर्थन का संकेत नहीं है?”
एसोसिएशन ने यह भी दावा किया कि पीड़िता के माता-पिता ने भी इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा कि जब सीबीआई ने स्पष्ट रूप से आरोपित को दोषी बताया है, तो जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट इसे मानने में समस्या क्यों कर रहा है?
उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर आरोपित को बचाने के लिए पक्ष लेने के जैसा है।