गोरखपुर । दिशा छात्र संगठन द्वारा आज गोरखपुर विश्वविद्यालय में सदस्यता डेस्क लगाया गया। इस दौरान छात्रों को सदस्यता दी गई और उन्हें दिशा के उद्देश्य और लक्ष्य से परिचित कराया गया।
सदस्यता अभियान के दौरान छात्रों से बात की गई कि विश्वविद्यालय में चुनावबाज पार्टियों के छात्र संगठन छात्रों के वास्तविक मुद्दे को कभी नहीं उठाएंगे। गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थिति देखी जाए तो प्रोफेसरों की बेहद कमी है जो प्रोफेसर हैं भी तो वह नियमित क्लास लेने की जगह रिसर्च स्कॉलर को क्लास में पढ़ाने के लिए भेज देते हैं । विश्वविद्यालय की बिल्डिंग खस्ता हाल है, शौचालय बुरी तरीके से गंदे हैं उनकी साफ सफाई नहीं होती है। पिछले दिनों एबीवीपी के कार्यक्रम के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय को चार से पांच दिनों के लिए बंद कर दिया गया था लेकिन लंबे समय से विश्वविद्यालय में अनुशासन के नाम पर अन्य संगठनों के किसी भी गतिविधि पर रोक लगा दी जाती है। छात्र संगठन का चुनाव काफी समय से बन्द है। पुस्तकालय में नई किताबें और लैब में प्रयोगशाला के लिए अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट पता ना कब के आए हुए हैं।
छात्रों को बताया गया कि ‘दिशा छात्र संगठन’ एक स्वतंत्र छात्र संगठन है जो किसी भी चुनावबाज पार्टी से जुड़ा नहीं है। जो भगत सिंह के आदर्शों को मानता और उनके सपनों को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध है।
‘दिशा छात्र संगठन’ का दूरगामी नारा है– सबके लिए समान व नि:शुल्क शिक्षा और पक्के रोज़गार की गारंटी’! गोरखपुर विश्वविद्यालय की ऊपर दिए गए विभिन्न समस्याओं के लिए, कैंपस में जनवादी, सांस्कृतिक और राजनीतिक माहौल के लिए संघर्ष करना है ।
सदस्यता अभियान में आकाश, अंबरीश, विनय, प्रसेन, धर्मराज, प्रीति आदि शामिल रहे।
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