लंदन। मंकीपाक्स की बीमारी महामारी का रूप लेगी या नहीं, इसे लेकर फिलहाल संशय बना हुआ है, लेकिन सभी देश इसके प्रसार से चिंतित हैं। अपने-अपने स्तर पर इसकी रोकथाम के एहतियाती उपाय भी कर रहे हैैं। इस बीमारी के बदलते लक्षणों के भी अध्ययन हो रहे हैैं। द लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ब्रिटेन में पाए गए मंकीपाक्स के रोगियों में अन्य जगहों पर पूर्व में पाए गए रोगियों से अलग ही लक्षण दिखे हैैं।
जननांग और मलद्वार पर मिले ज्यादा घाव
शोधकर्ताओं ने लंदन के सेक्शुअल हेल्थ क्लीनिक में मई में 12 दिनों में पहुंचे मंकीपाक्स से पीड़ित रोगियों की जांच-पड़ताल की है। इसमें पाया गया कि इन रोगियों के जननांग और मलद्वार के निचले हिस्से में ज्यादा घाव थे। अन्य जगहों पर पाए गए रोगियों की तुलना में ब्रिटिश रोगियों में थकान और बुखार की तीव्रता भी अधिक पाई गई।
शोधकर्ताओं ने अपने इस निष्कर्ष के आधार पर कहा है कि मंकीपाक्स के संभावित मामले की पहचान की परिभाषा की समीक्षा किए जाने जरूरत है। उन्होंने यह भी पूर्वानुमान लगाया है कि जननांग की त्वचा पर घाव की अधिकता के कारण यह बीमारी यौन संबंधों से भी फैल सकती है और आने वाले दिनों में सेक्शुअल हेल्थ क्लीनिकों में ऐसे रोगियों की संख्या बढ़ सकती है। लिहाजा, उस पर नजर रखी जानी चाहिए।
सेक्शुअल हेल्थ सेंटरों से मंकीपाक्स रोगियों के डाटा संग्रहित
चेल्सी एंड वेस्टमिंस्टर हास्पिटल एनएचएस फाउंंडेशन ट्रस्ट की निकोलो गिरोमेटी ने बताया कि इस समय ब्रिटेन तथा कई अन्य देशों में मंकीपाक्स तेजी से फैल रहा है और पीड़ितों का सेक्शुअल हेल्थ क्लीनिकों में जाना बढ़ा है। इनमें से कई लोगों का उन देशों में आना-जाना भी नहीं हुआ है, जहां यह स्थानिक रोग के रूप में सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से सेक्शुअल हेल्थ क्लीनिक मंकीपाक्स के डायग्नोसिस की एक नई जगह बन गई है।
शोधकर्ताओं ने लंदन स्थित चार सेक्शुअल हेल्थ सेंटरों से मंकीपाक्स रोगियों के डाटा संग्रहित किए। इनमें उनकी ट्रैवल हिस्ट्री, सेक्शुअल हिस्ट्री और क्लीनिकल लक्षणों के डाटा रिकार्ड किए गए। इन सभी संक्रमितों को आइसोलेशन में रख कर टेलीफोन के जरिये उन पर नजर रखी गई।
अधिकांश रोगी नहीं आए थे किसी संक्रमित के संपर्क में
मई के 12 दिनों में इस अध्ययन में शामिल 54 रोगियों में से 60 प्रतिशत मामले ब्रिटेन से रिपोर्ट किए गए। इनमें से सिर्फ दो को छोड़कर किसी को भी यह पता नहीं चला कि वे किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे और न ही प्रभावित अफ्रीकी देशों की यात्रा की थी। हालांकि, कई लोगों ने अन्य यूरोपीय देशों का दौरा किया था। शोधकर्ताओं ने बताया कि सभी पुरुष रोगियों ऐसे लोग शामिल थे, जिन्होंने पुरुषों से संबंध बनाए थे। यौन संबंधों में बारे में पूछे गए सवालों के जवाब देने वाले 90 प्रतिशत रोगियों ने बताया कि संक्रमण के लक्षण दिखने से पहले तीन सप्ताह के दौरान उन्होंने कम से कम एक नए पार्टनर से संबंध बनाए थे। आधे रोगियों ने तो यह बताया कि मंकीपाक्स संक्रमण से 12 सप्ताह पूर्व की समयावधि में उन्होंने पांच से अधिक पार्टनरों से संबंध बनाए।
94 प्रतिशत रोगियों के जननांग पर था घाव
इन सभी रोगियों में मंकीपाक्स संक्रमण के लक्षण थे और उनके त्वचा पर घाव थे। 94 प्रतिशत रोगियों के जननांग पर कम से कम एक घाव था। अधिकांश रोगियों को हल्की बीमारी थी और होम आइसोलेशन में ठीक हो गए। लेकिन पांच रोगियों को दर्द या घाव के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, लेकिन अच्छी बात यह रही कि औसतन सात दिनों में सभी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई।