बांसी (ललितपुर)। श्रीनवलसा गौड़ मेला में खरीदारों की भीड़ बड़ी, मेला में मनहारी, बर्तन और हरमाल की दुकानों पर ग्राहकों और झूला, चकरी, जम्पिंग, मिक्की माउस पर बच्चों की भीड़ दिखी। मकर संक्रान्ति के अवसर पर कस्बा के श्री हनुमान जी टौरिया मंदिर मेला मैदान पर चल रहे श्रीनवलसा गौड़ मेला महोत्सव बांसी में गुरुवार की भीड़ रही। यह मेला नये साल से शुरु होकर मंकर संक्रांति तक चलता है। यह मेला गुड़, मिट्टी से बने हुए बर्तन, कांठ के खिलौने के लिए ख्याति प्राप्त है। बुजुर्गों के अनुसार ब्रिटिश हुकूमत के दौरान गांव में प्लेग की भयंकर महामारी फैली हुई थी, महामारी से बस्ती में हाहाकार मच गया था, जिससे रोज मौतें हो रही थी। वैद्य, हकीम किसी की भी दवा काम नहीं कर रही थी, किवदंती है कि किसी ग्रामीण को सपने में बाबा नवलसा गौड़ महाराज ने दर्शन दिए और उन्होंने कहा कि हमारे दरबार में मेले का आयोजन किया जाए, यह बात उस ग्रामीण ने सुबह सभी को बताई और सपने के अनुसार ग्रामीणों ने मकर संक्रांति पर्व पर मेला का आयोजन करने का निर्णय लिया और श्रीनवलसा गौड़ महाराज का यश गान किया। मकर संक्रांति के स्नान के साथ महामारी से निजात मिल गया, तब से इस मेले के लगाने का सिलसिला निरंतर जारी है। इस मेला का आयोजन मंदिर मेला समिति ही सदैव से करती आ रही है। इस प्रांगण में श्री संकटमोचन टौरिया सरकार की प्राचीन चमत्कारी मूर्ति विराजमान हैं जो कि अति दुर्लभ मूर्ति है। श्रीनवलसा गौड़ महाराज का चबूतरा बना हुआ है। नवलसा बाबा के दरबार में रक्षा बंधन पर्व पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा को भुजरियां समर्पित करने दूर-दराज से ग्रामीण आते हैं। मेला महोत्सव के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने आते हैं और रोग-दोष-कष्ट व्याधा से निजात पाने की कामना करते हैं, मेला में साल दर साल भव्यता बढ़ती जा रही है।
श्रीनवलसा गौड़ मेला में पहुंच रहे श्रद्धालु
मेले में रौनक, जमकर खरीददारी कर रहे लोग
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