ललितपुर। गुरुवार को जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी के निर्देशन में सीडीओ कमलाकांत पांडेय की अध्यक्षता में रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर, उ.प्र. लखनऊ (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) विभाग द्वारा तकनीकी जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। अर्ध दिवसीय कार्यशाला में रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर के परियोजना वैज्ञानिकों डॉ.जय कुमार मिश्रा द्वारा रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन सेंटर में एनआरआईएस परियोजना में रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस तकनीक का उपयोग करके जनपदवार तैयार किये गये डिजिटल डाटाबेस का प्रस्तुतीकरण किया गया एवं उक्त के बारे में जानकारी दी। उक्त के अतिरिक्त परियोजना वैज्ञानिक द्वारा रिमोट सेन्सिंग, जीआईएस एवं जीपीएस तकनीक के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई और यह बताया गया कि इस तकनीक का उपयोग कृषि, राजस्व, भू-संचय, जल-संचय, प्राकृतिक आपदा, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, सिंचाई विभाग, जल निगम, नलकूप, सड़क, वन आदि में किया जाता है एवं भुवन पोर्टल पर भी जाकर इस सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा लिडार तकनीक एवं प्रधानमंत्री गतिशक्ति वेब पोर्टल के माध्यम से विभिन्न विभागों के डाटाबेस के बारे में भी जानकारी दी गई। बताया गया कि रिमोट सेन्सिंग एवं जी0आई0एस0 तकनीक विकास के इस वर्तमान युग में, एक नवीनतम तकनीक के रूप में विभिन्न संस्थाओं द्वारा अपने-अपने उद्देश्यों से सम्बन्धित कार्यो को, सुचारू रूप से सम्पन्न करने के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। इस तकनीक का उपयोग करके बहुत सारे कार्य आदि विभिन्न विभागों द्वारा रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन्स सेन्टर, उ.प्र. लखनऊ के माध्यम से करवाया जा रहा है, जो कि उनके विभागों के लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो रहा है साथ ही आरएसएसी, यूपी द्वारा स्वयं के स्तर से भी शोध एवं विकास कार्यो के रूप में कई महत्वपूर्ण कार्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के आंकलन हेतु आरएस एण्ड जीआईएस तकनीक का उपयोग कर सम्पादित किये जा रहे है और उक्त के फलस्वरूप सृजित मानचित्र एवं आंकड़े सम्बन्धित उपयोगकर्ता विभागों के उपयोगार्थ उपलब्ध कराये जा रहे है। जीआईएस तकनीकी का उपयोग करके विभिन्न विभाग अपने-अपने आंकड़ों को इस प्लेटफार्म पर संकलित कर सकते है और विभिन्न परियोजनाओं के लिए डिसीजन सपोर्ट सिस्टम तैयार कर सकते है। हमारे जनपद ललितपुर हेतु इस केन्द्र द्वारा विभिन्न प्रकार के अध्ययन पूर्ण किये गये है और कतिपय अध्ययन वर्तमान में भी किये जा रहे है। इसका प्रस्तुतीकरण अभी आपके समक्ष, इस केन्द्र से आये हुये परियोजना वैज्ञानिक करेंगे। बैठक में निर्देश दिये गए कि सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग के आंकड़ों को इस जी.आई.एस. प्लेटफार्म पर लाने के लिए यहॉ पर उपस्थित रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन सेंटर, उ.प्र. लखनऊ से आये परियोजना वैज्ञानिक द्वारा दिये जाने वाले प्रस्तुतीकरण को ध्यानपूर्वक समझ लें और इसका संचालन करें। कार्यशाला में सीएमओ डा.इम्तियाज अहमद, एसडीएम सदर चन्द्रभूषण प्रताप, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राजेश कुमार सिंह, ईओ, डीडी कृषि, कृषि रक्षा अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, डीपीआरओ, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी, डीएफओ, डीआईओएस, उपायुक्त एनआरएलएम, उपायुक्त मनरेगा, अधिशासी अभियन्ता जल निगम, अधिशासी अभियन्ता लघु सिंचाई, बीएसए, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई खण्ड,सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता,उपायुक्त उद्योग, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी,परियोजना निदेशक (डीआरडीए) एवं समस्त खण्ड विकास अधिकारियों द्वारा भाग लिया गया।
रिमोट सेंसिंग तकनीक से डिजिटल होंगे विभाग, बनेगा डिजिटल डाटा बेस
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