अवधनामा संवाददाता
ललितपुर। कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय बांदा के अन्तर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र खिरियामिश्र प्रक्षेत्र पर एग्री-ड्रोन द्वारा खरीफ की फसलों पर नैनो डीएपी के छिड़काव का प्रदर्शन केन्द्र पर आयोजित आज किसान दिवस के अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी के.के. पाण्डेय के मुख्य आतिथ्य में किया गया। इस अवसर पर जनपद के जिला विकास अधिकारी के.एन.पाण्डेय, अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र डा.मुकेश चन्द, उपनिदेशक कृषि बसन्त कुमार दुबे, जिला कृषि अधिकारी राजीव भारती, जिला उद्यान अधिकारी परवेज खान, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के साथ -साथ अन्य अधिकारीगण, प्रगतिशील कृषक बन्धु एवं किसान नेतागण उपस्थित रहे। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि जिले में कृषि क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग महत्वपूर्ण है इस तकनीक के प्रयोग से किसान अपनी फसलों में कीटनाशक, खाद एवं पोषक तत्वों का छिड़काव कम समय और कम पानी के उपयोग द्वारा कर सकेंगे, जिससे जिले के किसान इस तकनीक को अपनाकर कृषि में होने वाले व्यय को कम करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं। डा.एन.के. यादव ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा संचालित राष्ट्रीय कृषि विकास पयिोजना अन्तर्गत एग्री-ड्रोन कृषि विज्ञान केन्द्र, ललितुपर को प्रदान किया गया है जो पानी की कम मात्रा एवं स्प्रेयर में अल्ट्रा लो वॉल्यूम तकनीकी से दवा की महीन बूॅदों द्वारा पत्तियों में शीघ्र ही दवा पौधे के अन्दर चली जाती है। इस अवसर पर केन्द्र के अध्यक्ष डा.मुकेश चन्द द्वारा बताया गया कि परंपरागत तरीके से छिड़काव करने से एक एकड़ में 150 – 200 लीटर पानी की आवश्यकता होती है, वहीं ड्रोन तकनीक से कीटनाशक, नैनो यूरिया, नैनो डीएपी अथवा अन्य तरल उर्वरकों के छिड़काव में मात्र 10 लीटर पानी की आवश्यकता पड़ती है तथा 10 मिनट में एक एकड़ क्षेत्रफल में ड्रोन के माध्यम से छिड़काव किया जा सकता है। उन्होंने कृषि में ड्रोन तकनीक को शामिल करने से होने वाले लाभों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर वैज्ञानिक डा.सरिता देवी एवं डा. दिनेश तिवारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।