मण्डी शुल्क को शून्य घोषित किये जाने की मांग

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Demand to declare mandi fee as zero

अवधनामा संवाददाता

फेम ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भेजा

 ललितपुर (Lalitpur)। मण्डी शुल्क को शून्य घोषित किये जाने की मांग को लेकर फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मण्डल ने जिलाध्यक्ष सुमित अग्रवाल के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। ज्ञापन के जरिए व्यापारियों ने उत्पीडऩात्मक कार्यवाहियां रोके जाने एवं मण्डी शुल्क को पूर्ण रूप से शून्य किये जाने की मांग उठायी।

ज्ञापन में फेम ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि केन्द्र सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय एवं आदेशों के क्रम में पूरे देश में कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) एक्ट में कृषि व्यापार को स्वतंत्र व करमुक्त, शुल्क मुक्त, प्राविधानिक कर दिया गया है। मंडी के बाहर कोई भी व्यक्ति या फर्म द्वारा कृषि उत्पादनों के विपणन पर कोई शुल्क नहीं है, ना ही कोई लाइसेंस की व्यवस्था है, जबकि मंडी के अंदर व्यापारियों को लाइसेंस लेना पड़ता है व शुल्क अदा करना पड़ता है। यह अन्यायपूर्ण है,हाल ही में संसद में पारित कृषि विधेयक को लेकर हमारा कोई विरोध नही है। फेम व्यापारी चाहते हैं कि हमारी पुरानी मांग जो पिछली बार प्रदेश सरकार ने व्यापारियों की मांग पर शुल्क में कमी करते हुए 2.5 प्रतिशत से कम करके 1.5 प्रतिशत किया था जबकि कई प्रदेशों में मंडी शुल्क कम है व निकटवर्ती मध्यप्रदेश में मंडी शुल्क 0.5 प्रतिशत है जिससे कि व्यापारियों को फसली सीजन में भी आगे माल बेचने में कीमतों में विसंगतियों की बजह से जद्दोजहद करनी पड़ रही है। फेम व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से अन्यायपूर्ण मंडी शुल्क पूर्णता शून्य किये जाने की मांग उठायी, जिससे गल्ला मंडी में कार्यरत लाखों मजदूर, पल्लेदार, कर्मचारी, मुनीम, व्यापारियों का जीवन तबाह और बर्बाद होने से बचा रहे व गल्लामंडियों के अस्तित्व की रक्षा हो सके अन्यथा कि स्तिथी में फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल व्यापारियों के हितों के लिए प्रदेशव्यापी आंदोलन करने को वाध्य होगा। ज्ञापन देते समय जिलाध्यक्ष सुमित अग्रवाल, आरिफ खान, ब्रजेश ताम्रकार, करीम पप्पू राइन, राजीव जैन, शैलेन्द्र साहू, धर्मेंद्र रैकवार, निहाल सेन, प्रदीप साहू, दीपक जैन, अंशुल जैन, जगदीश सेन, अभिषेक जैन, रामदास श्रोतीय, राजेश जैन, विकास सोनी, अभय चौबे, पवन कुशवाहा आदि मौजूद रहे।

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