Monday, May 19, 2025
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ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति में हुए खुलासे के बाद निजीकरण की प्रक्रिया निरस्त करने की मांग

मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति की धज्जियां उड़ा रहा है पावर कॉरपोरेशन : पुष्पेन्द्र सिंह 

प्रान्त व्यापी विरोध प्रदर्शन जारी

गोरखपुर । विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी से तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की है और कहा है कि वे निजीकरण के नाम पर किए जा रहे भारी भ्रष्टाचार को देखते हुए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय निरस्त करने की कृपा करें। यह जानकारी पुष्पेन्द्र सिंह, प्रान्त संयोजक ने दी।

संघर्ष समिति के आह्वान पर आज लगातार 119वें दिन प्रान्त व्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। आज संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों जितेन्द्र सिंह गुर्जर, चंद्रभूषण उपाध्याय, महेंद्र राय, श्रीचंद, सरजू प्रसाद त्रिवेदी एवं मनोज कुमार सिंह ने बस्ती और गोरखपुर में आमसभा और व्यापक जनसंपर्क कर आगमी 29 मार्च को वाराणसी में होने वाली बिजली महा पंचायत की तैयारी की। बस्ती और गोरखपुर की आमसभा में संकल्प लिया गया कि किसी कीमत पर निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा और इस हेतु निर्णायक संघर्ष के लिए बिजली कर्मी तैयार हैं।

संघर्ष समिति गोरखपुर के पदाधिकारियों पुष्पेन्द्र सिंह, जितेन्द्र कुमार गुप्त, प्रभुनाथ प्रसाद, संगमलाल मौर्य, ब्रजेश त्रिपाठी, इस्माइल खान, संदीप श्रीवास्तव, विजय बहादुर सिंह, सच्चिदानंद शुक्ला, विकास श्रीवास्तव, आशुतोष शाही, अजय शाही, राकेश चौरसिया, राजकुमार सागर, पप्पू जायसवाल, शिवमनाथ तिवारी, भानु प्रताप सिंह, जीवेश नन्दन, राघवेंद्र साहू ने कहा कि ट्रांजैक्शन कंसलटेंट की नियुक्ति में हो रहे घोटाले का खुलासा होने के बाद स्पष्ट हो गया है कि उत्तर प्रदेश के 42 जनपदों के निजीकरण के नाम पर भारी भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति की पावर कार्पोरेशन प्रबंधन निजीकरण के नाम पर खुल्लम-खुल्ला धज्जियां बना रहा है।

संघर्ष समिति ने कहा कि ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया में पहले जारी किए गए आरएफपी डॉक्यूमेंट में कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट का प्राविधान था। बाद में अचानक कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट के प्राविधान को हटा दिया गया।

ट्रांजैक्शन कंसलटेंट हेतु बिडिंग करने वाली एक कंपनी  ग्रांट थॉर्टन द्वारा दिए गए डॉक्यूमेंट में साफ लिखा है कि कम्पनी उप्र पॉवर कारपोरेशन के एक विद्युत वितरण निगम में आरडीएसएस के अन्तर्गत मीटरिंग का काम कर रही है । डॉक्यूमेंट में यह भी लिखा है कि कंपनी क्या काम कर रही है इसका पावर कारपोरेशन के साथ हुए गुप्त एग्रीमेंट के तहत खुलासा नहीं किया जा सकता। यह बहुत चौंकाने वाली और बड़ी अजीब बात है।  यह कंपनी मीटरिंग का काम कर रही है और पावर कारपोरेशन के एक विद्युत वितरण निगम में काम कर रही है लेकिन इसका खुलासा नहीं किया जा सकता। इस कंपनी को 42 जनपदों के निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त किया जा रहा है। निजीकरण की सारी प्रक्रिया में यह बड़े भ्रष्टाचार का आगाज है।

संघर्ष समिति ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के सेक्शन 131 के तहत निजीकरण के पहले पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। दोनों निगमों का रेवेन्यू पोटेंशियल निकाला जाना चाहिए। यह दोनों काम नहीं किए गए। ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति में भ्रष्टाचार उजागर हो जाने के बाद साफ हो गया है कि लाखों करोड़ रुपए की परिसंपत्तियों को बेचने में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार होने जा रहा है।

संघर्ष समिति ने कहा कि आगामी 29 मार्च को वाराणसी में हो रही बिजली महापंचायत में निजीकरण की आड़ में हो रहे भ्रष्टाचार पर और खुलासा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी कीमत पर निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा।

बुधवार को जनपद गोरखपुर में हुई सभा में अटेवा से गोरखपुर के पदाधिकारियों सुनील कुमार दुबे, वरुण कुमार दुबे एवं अन्य सदस्यों ने सभा को संबोधित करते हुए किसी भी स्थिति में निजीकरण न होने देने का संकल्प लिया।

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