दिल्ली हिंसा में लगातार बढ़ रहा है मौतों का सिलसिला- अब तक मरने वालों की संख्या हुवी 32

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उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक कुल 32 लोगों की मौत हो चुकी है, इनमें 30 लोगों की मौत पूर्वी दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में ही हुई है, जबकि दो लोगों की जान LNJP अस्पताल में गई।

 दमकल विभाग के अधिकारी अतुल गर्ग (Atul Garg, Director, Fire Department) के मुताबिक, अधिकारी विभिन्न इलाकों में रहकर नजर बनाए हुए हैं। 100 दमकल कर्मी सड़क पर उतरे हैं। विभाग को रात 12 बजे से सुबह 8 बजे तक 19 फोन कॉल आईं।

पुलिस ने इस बवाल के बीच जाफराबाद में जारी CAA विरोधी धरना स्थल को खाली करवा दिया है. दिल्ली में हुई हिंसा के मसले पर आधी रात को हाई कोर्ट में सुनवाई भी हुई.

दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान शहीद हुए पुलिस हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल का परिवार धरने पर बैठ गया है. परिवार की मांग है कि रतनलाल को शहीद का दर्जा दिया जाए. दिल्ली के भजनपुरा में हुई हिंसा के दौरान रतनलाल की मौत हो गई थी, वो राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे. बुधवार को उनके परिवार ने पैतृक गांव जाने वाले रास्ते पर जाम लगा दिया.

दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या बढ़ गई है. बुधवार सुबह गुरु तेग बहादुर अस्पताल के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक दिल्ली हिंसा में 17 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें एक पुलिस कॉन्स्टेबल भी शहीद हुआ है. अस्पताल ने अपने बयान में कहा है कि चार मृत लोगों को बुधवार सुबह ही लाया गया.

 

उत्तर पूर्वी दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में सोमवार से शुरू हुआ हिंसक प्रदर्शन चौथे दिन प्रवेश कर गया है। बृहस्पतिवार सुबह कई इलाकों में लोग घरों से निकले और रोजाना की तरह कामकाज के लिए दफ्तर पहुंचे। वहीं, बुधवार रात को उत्तर पूर्वी दिल्ली के तीन इलाकों में बुधवार रात को भी आगजनी व तोड़फोड़ की घटना हुई है। इस बीच मृतकों की संख्या 32 पहुंच गई है।

यमुनापार में सीएए के खिलाफ कई जगहों पर धरना चल रहा था। एक-एक कर इन स्थलों से या तो खुद प्रदर्शनकारी हट गए या पुलिस ने हटा दिया। लेकिन जाफराबाद में सड़क के किनारे अब भी धरना जारी है। यहां बैठी महिलाओं का कहना है कि वे यहां से नहीं हटेंगी। जाफराबाद में सड़क के किनारे बैठीं ये महिला प्रदर्शनकारी शनिवार को मेट्रो स्टेशन के नीचे प्रदर्शन शुरू कर दिया था। इसके साथ उन्होंने सड़क भी बंद कर दी थी। इसके विरोध में ही रविवार को कपिल मिश्र ने मौजपुर में सीएए के समर्थन में धरना शुरू किया था। हिंसा के बाद भी मंगलवार शाम तक सीएए के विरोध में प्रदर्शनकारी जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बैठे थे। कफ्यरू लगाने के बाद पुलिस ने इन्हें यहां से हटा दिया। इसके बाद ये महिला प्रदर्शनकारी यहां से थोड़ी दूरी पर सड़क के किनारे धरने पर बैठ गईं।

खुरेजी में खाली कराया गया धरना स्थल
खुरेजी में पिछले डेढ़ माह से चल रहे धरनास्थल को पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर खाली करा लिया। पुलिस ने इस मामले में विरोध कर रहीं कांग्रेस की पूर्व निगम पार्षद इशरत जहां को हिरासत में लिया। इसके अलावा इसी मामले को लेकर कुछ वकीलों की जगतपुरी थाना पुलिस से झड़प भी हुई, लेकिन उन्हें थाने से हटा दिया गया।

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