ट्रेन में मौजूद यात्रियों ने बताया कि स्टेशन के नजदीक होने के नाते लखनऊ आनंद विहार डबल डेकर ट्रेन स्लो थी. इस कारण बड़ा हादसा नहीं हुआ. जब ट्रेन डिरेल हुई तो लोग कुछ समझ नहीं पाए और नीचे उतरकर देखने पर पता चला कि ट्रेन बेपटरी हो गई है. यात्रियों ने बताया कि स्टेशन के पास मौजूद लोगों ने जब चिल्लाया तब हमें पता चला कि कुछ हुआ है.
लोगों ने रेलवे प्रशासन पर अपनी नाराजगी जताई और कहा कि मेन लाइन पर चलने वाली गाड़ियों के साथ ये हो रहा है. ये हैरान करने वाली बात है. लोगों का कहना है कि ट्रेन स्लो थी इसलिए कोई हताहत नहीं हुआ वर्ना आज कोई बड़ा हादसा हो सकता था.
काकोडकर समिति ने रेल सुरक्षा को लेकर दिया था सुझाव
2012 में रेल मंत्रालय ने भारतीय रेल के सुरक्षा पहलुओं की जांच और सुधार का सुझाव देने के लिए एक उच्च स्तरीय समीक्षा समिति का गठन किया था और अनिल काकोडकर को इसका प्रमुख नियुक्त किया था. इस कमेटी के सुझावों में 5 साल की अवधि में 1 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने और एक वैधानिक रेल सुरक्षा प्राधिकरण के निर्माण का सुझाव दिया गया था.
Also read