दिल्ली हाई कोर्ट ने आज पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेशनल को-आर्डिनेटर इब्राहिम पुथानैथानी की जमानत याचिका पर सुनवाई की। दिल्ली हाई कोर्ट ने एनआईए को नोटिस जारी किया है। जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी।
इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने इब्राहिम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने 14 जून, 2023 को इब्राहिम को केरल में अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए छह घंटे की कस्टडी पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था। अप्रैल 2023 में एनआईए ने इब्राहिम पुथानैथानी के खिलाफ देश भर में हथियारों की ट्रेनिंग देने का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दाखिल की थी।
उल्लेखनीय है कि 28 सितंबर 2022 को केंद्र सरकार ने पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। केंद्र सरकार ने यूएपीए की धारा 3(1) के अधिकारों के तहत ये प्रतिबंध लगाया था। केंद्र सरकार ने पीएफआई के सहयोगी संगठनों, रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम्स काउंसिल (एआईसीसी), नेशनल कंफेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन (एनसीएचआरओ) नेशनल वुमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल को भी प्रतिबंधित किया था।
21 मार्च, 2023 को दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश शर्मा की अध्यक्षता वाली यूएपीए ट्रिब्यूनल ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उससे जुड़े दूसरे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले पर मुहर लगाई थी। ट्रिब्यूनल के फैसले को पीएफआई ने हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच में चुनौती दी है। पीएफआई ने कहा है कि उस पर लगे प्रतिबंध को बरकरार रखने का यूएपीए ट्रिब्यूनल का फैसला कानूनसम्मत नहीं है। पीएफआई ने कहा है कि यूएपीए ट्रिब्यूनल ने उनकी दलीलों को पूरे तरीके से नहीं सुना और फैसला सुना दिया।