अधिशाषी अभियंता द्वारा भ्रष्टाचार की जांच आख्या न देने पर डिफाल्टर घोषित

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अवधनामा संवाददाता

 छात्र नेता की शिकायत पर मांगी थी जांच आख्या

बाँदा। प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता राजाराम मथुरिया द्वारा तत्कालीन अधिशाषी अभियंता सुमन्त कुमार व अन्य अधिकारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर जाँच आख्या न देने पर कड़ी फाड़कर लगाते हुए डिफाल्टर घोषित किया है।
छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष सुशील त्रिवेदी ने 7 सितंबर 2022 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत किया था कि प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन अधिशाषी अभियंता सुमन्त कुमार ने शासन को गुमराह कर व तथ्यों को छुपाकर बाँदा – बहराइच मार्ग में वर्ष 2011में स्वीकृत दिवाइडर कार्य को पुनः 2021 में स्वीकृत करा लिया व उक्त धनराशि को हेड परिवर्तन कर बंदरबाँट कर लिया है शासन ने भ्रष्टाचार को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यलय के सचिव अजय कुमार ओझा ने मुख्य सचिव लोक निर्माण को जाँच कराकर जाँच आख्या उपलब्ध कराने का आदेश दिया था लेकिन तत्कालीन अधिशाषी अभियंता राजाराम मथुरिया तत्कालीन अधिशाषी अभियंता सुमन्त कुमार से सांठ गांठ कर भ्रष्टाचार को छुपाने के उद्देश्य पहलें फर्जी जाँच आख्या भेजी जिसे शासन ने पुनः निष्पक्ष जाँच आख्या उपलब्ध कराने का आदेश दिया लेकिन अधिशाषी अभियंता जाँच आख्या नहीं भेज रहे है जिस पर शासन ने अधिशाषी अभियंता राजाराम मथुरिया को डिफाल्टर घोषित किया है मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग ने पत्र लिखकर शीघ्र जाँच आख्या अपलोड करने का निर्देश दिया है। पूर्व अध्यक्ष सुशील त्रिवेदी ने कहा कि प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग में करोड़ों रुपयों का भ्रष्टाचार किया गया जिस पर अधिशाषी अभियंता राजाराम मथुरिया दोषियों पर कार्यवाही कराने के बजाय पर्दा डालने का कार्य कर रहे है लेकिन भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे अधिकारियों पर जब तक ठोस कार्यवाही नहीं हो जाती तक तक लड़ाई जारी रहेगी आवश्यकता हुई तो फिर माननीय न्यायालय की शरण ली जाएगी।

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