अवधनामा संवाददाता
जय श्रीराम के जयघोष के साथ वॉलेंटियर्स के हाथों शुरू हुआ 24 लाख दीपों को सजाने का कार्य
अयोध्या। दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए जय श्रीराम के उद्घोष के साथ राम की पैड़ी व चैधरी चरण सिंह के 51 घाटों पर वालंटियर्स द्वारा दीपों को सजाने का कार्य शुरू हो गया है। शासन द्वारा निर्धारित 21 लाख दीये प्रज्ज्वलित किए जाने के लक्ष्य को लेकर वालंटियर्स द्वारा 24 लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलित किए जायेंगे। डाॅ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो प्रतिभा गोयल के अनुसार इस बार भी दीपोत्सव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशानुरूप भव्य बनाया जायेगा। 25 हजार से अधिक वालंटियर्स दीपोत्सव में पुनः विश्व रिकॉर्ड स्थापित करेंगे। देर शाम तक सभी घाटों पर वालंटियर्स द्वारा 60 से 70 प्रतिशत दीपो को पर्यवेक्षकों, घाट प्रभारी, घाट समन्वयकों की निगरानी में बिछाया गया।
पहचान पत्र के साथ ही मिल रहा वॉलेंटियर्स को प्रवेश
विवि प्रशासन द्वारा दीपोत्सव को आलौकिक बनाने के लिए समस्त समन्वयकों व वालंटियर्स को दीयों, बाती, कैंडल एवं अन्य सामग्री का निर्धारण सुनिश्चित किया जा चुका है। दीपोत्सव से संबंधित जिम्मेदारियों का निवर्हन करने वाले पदाधिकारियों का प्रवेश ही दीपोत्सव स्थल पर अनुमन्य होगा। विवि प्रशासन एवं जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए पहचान-पत्र के साथ ही दीपोत्सव स्थल पर वालंटियर्स एवं अन्य का प्रवेश होगा। वालंटियर्स द्वारा दीयों को प्रज्ज्वलित करने के लिए 2.5 फीट का तथा 16 गुणे 16 दीयों (256) के ब्लाक के लिए 4.50 गुणे 4.50 वर्ग फीट का स्पेस निर्धारित किया गया है। इसी तरह 14 गुणे 14 का भी ब्लाक बनाया गया है। इन्हीं ब्लाकों के दीयों को वालंटियर्स द्वारा जलाया जायेगा।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम करेगी दीयों की गणना
दीपों में प्रयुक्त होने वाले दीयों की साइज 24 एमएल की होगी। इसमें 25 से 30 एमएल सरसों का तेल वालंटियर्स द्वारा डाला जायेगा। 9 नवम्बर तक वालंटियर्स द्वारा घाट प्रभारी की देखरेख में सभी घाटों पर दीपों को बिछाने का कार्य संपन्न हो जाएगा। वहीं 10 नवम्बर को दीपों के सजाने व लक्ष्य प्राप्ति के बाद घाटों की साफ-सफाई व गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम द्वारा दीयों की गणना की जायेगी। विवि प्रशासन द्वारा तेल की बर्बादी को रोकने के लिए दीयों में तेल डालने के लिए एक-एक लीटर की बोतल की आपूर्ति की जायेगी। वालंटियर्स द्वारा हर दीये में 30 एमएल तेल डाले जायेंगे। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया गया है। वालंटियर्स एवं घाट प्रभारियों को दीपोत्सव के दिन सूती कपड़ों में रहना होगा। दीपों को प्रज्ज्वलित करते समय स्वयं के साथ अन्य का भी ध्यान रखना होगा। दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो संत शरण मिश्र ने बताया कि दीपोत्सव की तैयारियों को लेकर वालंटियर्स एवं अन्य पदाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। विश्वविद्यालय से वालंटियर्स के लिए दीपोत्सव तक बसों को इंतेजाम किया गया है। प्रतिदिन बसे विश्वविद्यालय में प्रातः 8 बजे से राम की पैड़ी के लिए रवाना की जा रही हैं। इसमें आवासीय परिसर, सम्बद्ध महाविद्यालयों, इण्टर कालेजों एवं स्वयंसेवी संस्थाएं शामिल हैं।