करहल,मैनपुरी। पत्रकारिता जगत के लिए यह समय गहरी पीड़ा और शोक का है।एक माह के अंदर दो वरिष्ठ पत्रकारों, डॉ.जहीर रहीमी और डॉ.बदरुल हसन का असामयिक निधन क्षेत्र के पत्रकारिता समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है।इन दोनों ही पत्रकारों ने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा समाज की सेवा और सत्य के संचार में व्यतीत किया।
डॉ.जहीर रहीमी: पत्रकारिता और चिकित्सा का संगम-
डॉ.जहीर रहीमी,करहल के एक सम्मानित चिकित्सक और अमर उजाला के तहसील प्रतिनिधि थे।उनका अचानक दिल का दौरा पड़ने से सोमवार को उनका निधन हो गया मंगलवार को करहल के कब्रस्तान में हज़ारों चाहने वालों की मौजूदगी में गमगीन माहौल व नम आंखों के बीच सुपुर्दे ख़ाक किये गए।डॉ.रहीमी न केवल एक कुशल चिकित्सक थे,बल्कि पत्रकारिता में उनकी गहरी रुचि और निष्ठा ने उन्हें क्षेत्र का एक प्रतिष्ठित चेहरा बना दिया।डॉ.रहीमी का जीवन दूसरों के प्रति समर्पित था।चिकित्सा के क्षेत्र में वे मरीजों की सेवा में हमेशा तत्पर रहते थे,तो वहीं पत्रकारिता के माध्यम से समाज की समस्याओं और सच्चाई को उजागर करने में भी उतने ही सक्रिय थे।करहल क्षेत्र के मुद्दों पर उनकी लेखनी ने कई बार प्रशासन को जागरूक किया और समाधान की दिशा में प्रेरित किया।उनका सैफई और इटावा से गहरा लगाव था।उनके सहयोगियों का कहना है कि वे हमेशा इन क्षेत्रों की समस्याओं और संभावनाओं पर चर्चा करते रहते थे। उनकी सहजता,विनम्रता और गहरी समझ ने उन्हें अपने पत्रकार साथियों और समाज के बीच प्रिय बना दिया।
डॉ.बदुरुल हसन: पत्रकारिता के सच्चे प्रहरी-कुछ ही दिन पहले,दैनिक जागरण के तहसील प्रतिनिधि डॉ.बदरुल हसन का भी दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।वे पत्रकारिता के माध्यम से न केवल समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे,बल्कि अपने व्यवहार और कार्यशैली से अपने साथियों और क्षेत्र के लोगों के दिलों में विशेष स्थान रखते थे। उनकी रिपोर्टिंग में समाज की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया जाता था,जिससे उनकी लेखनी को विशेष पहचान मिली।
प्रेस क्लब सैफई ने दी श्रद्धांजलि दोनों वरिष्ठ पत्रकारों के निधन पर प्रेस क्लब सैफई ने गहरा शोक व्यक्त किया। प्रेस क्लब सैफई से बीपी सिंह यादव, प्रदीप यादव,अवनीश यादव,दिलफूल दिवाकर और अन्य सदस्यों ने इस अपूरणीय क्षति पर दुख जताया।प्रेस क्लब के सदस्यों ने कहा कि पत्रकारिता जगत ने दो ऐसे व्यक्तित्व खो दिए हैं, जिन्होंने अपने जीवन को सत्य,निष्ठा और समाज के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।पत्रकारिता जगत के लिए एक कठिन समय-एक माह के भीतर दो वरिष्ठ और समर्पित पत्रकारों के निधन ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैला दी है।इन दोनों ने न केवल पत्रकारिता को समृद्ध किया,बल्कि अपने कार्यों से समाज पर भी गहरा प्रभाव डाला।उनके योगदान को शब्दों में समेटना कठिन है।
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