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अमेरिका में एक्टिविस्ट महमूद खलील को फलस्तीन का समर्थन करने पर गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद जमकर बवाल मचा था। अमेरिकी इमिग्रेशन जज ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि फलस्तीनी समर्थक महमूद खलील को डिपोर्ट किया जाना चाहिए। हालांकि इस फैसले के आधार पर सिर्फ खलील को डिपोर्ट नहीं किया जा सकता है। महमूद खलील फलस्तीन समर्थक छात्र विरोध आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा है।

सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने उसकी गिरफ्तारी का विरोध करते हुए न्यूयॉर्क में प्रदर्शन किया था। अब महमूद खलील को डिपोर्ट करने को लेकर अमेरिकी कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अमेरिकी इमिग्रेशन जज ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि फलस्तीनी समर्थक महमूद खलील को डिपोर्ट किया जाना चाहिए। बता दें, खलील कोलंबिया यूनिवर्सिटी का छात्र है, जिसे न्यूयॉर्क शहर में एक महीने पहले गिरफ्तार किया गया था।

कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?

फलस्तीनी कार्यकर्ता महमूद खलील को डिपोर्ट किए जाने का फैसला लुइसियाना में लासेल इमिग्रेशन कोर्ट के जज जेमी कॉमन्स ने सुनाया है। हालांकि, इस फैसले के आधार पर सिर्फ खलील को डिपोर्ट नहीं किया जा सकता है। लेकिन इस फैसले को ट्रंप की एक तरह से जीत मानी जा रही है।

विदेश मंत्री ने लिखा पत्र

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 1952 के इमिग्रेशन और राष्ट्रीयता अधिनियम का हवाला देते हुए पिछले महीने निर्धारित किया था कि खलील अमेरिकी विदेश नीति के हितों को नुकसान पहुंचा सकता है और उनके भाषण और सक्रियता के लिए उन्हें डिपोर्ट किया जाना चाहिए।

रुबियो ने पत्र में लिखा, यहूदी विरोधी प्रदर्शन और विघटनकारी गतिविधिों में खलील की भूमिका के लिए उसे यूएस से डिपोर्ट कर देना चाहिए। यह अमेरिका में यहूदी छात्रों के लिए शत्रुतापूर्ण माहौल को बढ़ावा देता है।

हालांकि, रुबियो के पत्र में महमूद खलील पर किसी भी कानून को तोड़ने का आरोप नहीं लगाया गया था। लेकिन कहा गया कि विदेश विभाग ने अप्रवासियों की कानूनी स्थिति को रद कर सकता है जो अमेरिकी विदेश नीति के हितों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

कौन है महमूद खलील?

महमूद खलील फलस्तीन समर्थक छात्र विरोध आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा है। खलील सीरिया में एक फलस्तीनी शरणार्थी शिविर में पैदा हुआ था और वो अल्जीरिया की नागरिकता रखता है। खलील पिछले साल ही अमेरिका का वैध स्थायी नागरिक बना है। उसकी पत्नी अमेरिकी नागरिक है।

खलील ने कोर्ट में क्या कहा?

खलील ने अदालत में कहा कि कोर्ट के लिए उचित प्रक्रिया अधिकार और मौलिक निष्पक्षता से अधिक जरूरी कुछ भी नहीं है। उसने कहा, साफतौर पर हमने आज जो देखा, इनमें से कोई भी सिद्धांत आज या इस पूरी प्रक्रिया में मौजूद नहीं था। यही वजह है कि ट्रंप प्रशासन ने मुझे मेरे परिवार से एक हजार मील दूर इस अदालत में भेजा है।

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