मौला अली की शहादत पर ईदगाह में रोजा इफ्तार में रोजेदारों की जुटी भीड़

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नमाज के बाद देश की सलामती और अमन चैन की मांगी दुआएं

महोबा । हजरत मौला अली की शहादत के मौके पर शनिवार की देर शाम को ईदगाह में रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया। जहां पर भारी संख्या में रोजेदारों ने पहुंचकर इफ्तार पार्टी में शिरकत की। रोजा इफ्तार में शामिल होने के लिए लोग पहले से ईदगाह पहुंच गए। युवाओं ने स्वयं इफ्तार पार्टी का इंतजाम किया। रोजा इफ्तार के पहले मौला अली के बताये रास्ते पर चलने की अपील की गई।

मौला अली की शहादत के मौके पर हाफिज कारी मुअज्जम साबरी ने मौला अली के जीवन पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने फरमाया कि दुनिया और आखरत में अली तुम मेरे भाई हो, सरकार ने फरमाया मै इल्म का शहर हूं और अली उस शहर का दरवाजा है। कुरआन अली के साथ है और अली कुरआन के साथ है। मुअज्जम साबरी ने बताया कि मौला अली फजिर की नमाज पढने गए थे, उसी समय तलवार से उनके ऊपर हमला कर दिया था, और मौला अली 21वें रोजे को शहीद हो गए थे।

कायर्क्रम के बाद रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया। रोजा इफ्तार में लोगों ने बढ चढ कर हिस्सा लिया, इफ्तार के लिए आयोजक द्वारा बहतरीन इन्तजाम किया गया। इस मौके पर हाफिज हातिम, शरीफ, सैफ, आमिल उद्दीन, फहीम उद्दीन, इरशाद अली शब्बन, नौशाद, रिजवान, जाहिद अली, अशद अली, जावेद अहमद, गोलू, अफजाल सिद्दीकी, तामीर उद्दीन, नौशाद मंसूरी, मैराज बकाई, शाहरूख, शाहिल मन्त्री, शहबाज, जावेद बागवान, कलीम अंसारी, हाजी समद राईन फरमान अली, फैजान अली के अलावा शहर के सैकड़ों लोगों ने शिरकत करते हुए इफ्तार किया इफ्तार के बाद हाफिज कारी मुअज्जम साबरी ने नमाज अदा करायी नमाज के बाद देश के लिए सलामती और अमन चैन की दुआयें मांगी गई ।

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