हेतमापुर स्थित बाबा नारायण दास की समाधि पर उमड़ी भीड़

0
500

अवधनामा संवाददाता

सांसद उपेंद्र रावत ने फीता काटकर किया उद्घाटन

सूरतगंज बाराबंकी। तीन वर्षों बाद चार लाख करीब श्रद्वालुओ की भीड़ हेतमापुर स्थित घाघरा (सरयू) नदी के छोर में बाबा नारायण दास की समाधि पर उमड़ी। यहां भक्तों ने दीप संग अंजूरी और प्रसाद चढ़ा करके मंगल सुख-समृद्धि की कामना की।
भगवान सूर्य के प्रबल उपासक व एकनामी पंथ के प्रवर्तक बाबा श्री नारायण दास की हेतमापुर स्थित समाधि स्थल पर लगने वाला तीन दिवसीय मेला का फीता काट कर सांसद उपेन्द्र सिंह रावत, जिलाध्यक्ष अरविंद मौर्या और पूर्व विधायक शरद कुमार अवस्थी ने सोमवार को शुभारम्भ किया। दीपावली के भोर और गोवर्धन पूजा के दिन मंदिर व समाधि स्थलों पर श्रद्धालु का सैलाब उमड़ पड़ा। जिले साथ ही लखनऊ एवं सीतापुर संग हरदोई, बहराइच,गोंडा आदि कई जनपदों से चार लाख की भीड़ यहां जुटी। तो समाधि में अंजूरी,प्रसाद चढ़ाकर आस्था के दीप जलाकर सुख-समृद्धि की कामना भी की।मान्यता है कि यम द्वितीया के दिन मंदिर के समीप स्थित घाघरा नदी में स्नान करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी आस्था के चलते ही श्रद्धालु नदी में स्नान कर समाधि पर माथा टेकते हैं। लोगों ने मंदिर परिसर में दीप जलाए एवं स्वयं के फसल अंजूरी बाबा नारायण दास को समर्पित की। लोगों का विश्वास है, कि यहां से बरकत के बीज ले जाकर बोने से फसल अच्छी होती है।इसके चलते ही यहां आने वाले ज्यादातर लोग अपनी फसल की थोड़ी राशि मंदिर पर चढ़ाकर यहां से बरकत के रुप में अन्न ले जाते हैं। उद्घाटन के बाद पीएसी वाहन मंदिर के मुख्य गेट के पास से घुमाने लगी तो लगभग आधा घंटे तक जाम लग गया। वहीं वाहन यहां पर किसी तरह से बाहर निकल कर बंधे पहुंचा तभी वहां भी घंटों जाम लगा रहा।

मनोरंजन के साथ की खरीदारी

भक्तों की भीड़ ने दर्शन के बाद मनोरंजन स्थल की ओर रुख किया। जहां महिलाओं पुरुषों के संग बच्चों ने विभिन्न तरह के लगा झूलें, मौत का कुआं, जादू आदि का आनंद लिया। तो अस्थाई बाजारों में पहुंच कर घरेलू सामान, गर्म कपड़े आदि की खरीद की।

चालीस साल से लगा रहे दुकान

लकड़ी के सामान और हुक्का आदि बेच रहे सिधौली के पप्पू, अनवर, अनीस बताते हैं कि वर्षों से दुकान लगाते आ रहे। वहीं अनवर ने बताया कि वह चालीस वर्ष से लकड़ी का सामान और हुक्का का व्यवसाय कर रहे। चालीस वर्ष पहले हुक्का की बिक्री एक से डेढ़ रुपए में थी।तो इस बार इसकी कीमत डेढ़ सौ से दो सौ रुपए है। वहीं देशी केले के साथ ही लोगों ने भेली गुड़, सिंघाड़ा की गुदी व मुंगफली का आनंद लिया।तो मिठाई की दुकान और मिठाई के दाने, खुटिया, लाइया आदि की बिक्री जामकर होती रही।01

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here