ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत को हाईकोर्ट ने बताया क्राइम, कहा- ये नरसंहार से कम नहीं

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Crimes called the death of patients due to lack of oxygen, this is not less than a massacre

अवधनामा संवाददाता

प्रयागराज. (Prayagraj)  यूपी के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से हो रही कोरोना मरीजों की मौतों पर हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने योगी सरकार को पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही अदालत ने हाईकोर्ट ने लखनऊ और मेरठ के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से कई मरीजों की मौत पर नाराज़गी जताई है. अदालत ने जिम्मेदार अफसरों से 48 घंटे के अंदर हकीकत का पता लगाकर कार्रवाई करने को कहा है. अदालत ने 7 मई को सुबह 11 बजे कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है. साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन व कुछ अन्य दवाओं की कमी और कालाबाजारी पर भी सरकार को  जरूरी दिशा निर्देश दिए|

“ये नरसंहार से कम नहीं”
ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत को हाईकोर्ट ने आपराधिक कृत्य बताया है. कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए खहा कि यह किसी नरसंहार से कम नहीं है. कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा- इट इज़ ए क्रिमिनल एक्ट एंड नॉट लेस द जेनोसिड. अदालत ने कहा  कि जिन लोगों के जिम्मे ऑक्सीजन की खरीद और सप्लाई का जिम्मा था, वह इसे ठीक ढंग से न कर आपराधिक कृत्य कर रहे हैं.
कोर्ट ने आगे कहा कि ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की मौत से अदालत दर्द में है. परेशान लोगों को रोते हुए हालत में नहीं छोड़ा जा सकता. कोर्ट ने कहा कि विज्ञान की तरक्की के दौर में हम अपने लोगों को मरने के लिए ऐसे ही नहीं छोड़ सकते. कोर्ट ने  आरटीपीसीआर  रिपोर्ट आने में कई दिनों का वक़्त लगने पर भी नाराजगी जताई. कोर्ट ने यूपी के दस बड़े शहरों में होने वाली आर टीपीसीआर  लैब की क्षमता और जांच में देरी पर रिपोर्ट मांगी है|

बता दें कि कोविड के बढ़ते संक्रमण को लेकर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की है. जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई. 9 जिलों के डिस्ट्रिक्ट जज की ओर से कोविड को लेकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की गई. एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल ने कोर्ट से 2 दिन की मोहलत मांगी है. उन्होंने 27 अप्रैल को पिछली सुनवाई के आदेश के पालन के लिए समय मांगा. इस दौरान राज्य सरकार के कोविड को लेकर उठाए गए कदमों और चिंता से भी अवगत कराया गया. राज्य सरकार ने बताया प्रदेश में 17,614 आइसोलेशन बेड और 5,510 आईसीयू व एसडीयू बेड अलग-अलग अस्पतालों में उपलब्ध हैं|

7 मई को फिर होगी सुनवाई
इसके अलावा सरकार ने कोर्ट को 2 दिन बढ़ाए गए वीकेंड कर्फ्यू की भी जानकारी दी. वहीं, कोर्ट ने जस्टिस वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव की कोरोना से निधन पर मांगा हलफनामा मांगा है. एडिशनल एडवोकेट जनरल से उन्हें दिए गए इलाज को लेकर हलफनामे में जानकारी मांगी है. 7 मई को सुबह 11 बजे मामले की अगली सुनवाई होगी|

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