नये कानूनों के पालन के लिए क्राइम ब्रांच में क्राइम इन्टेलिजेंस यूनिट गठित

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नये कानूनों में संगठित अपराध सिंडीकेट खत्म करने की ओर भोपाल क्राइम ब्रांच का पहला कदम

नये कानूनों के पालन और संगठित अपराधों की रोकथाम के लिये क्राइम ब्रांच ने सोमवार को क्राइम इन्टेलिजेंस यूनिट का गठन किया है। यह यूनिट 30 दिनों में संगठित अपराधियों को चिन्हित कर जानकारी तैयार करेगी। क्राइम ब्रांच भोपाल मे विगत 10 वर्षों में चिन्हित गैंग और उनके नेटवर्क पर कार्यवाही करेगी। गैंग के सदस्यों के स्वयं व अन्यों के नाम पर अवैध रूप से अर्जित चल-अचल संपत्ति को चिन्हित कर कुर्की की कार्रवाई कराई जाएगी।

क्राइम ब्रांच भोपाल में ‘संगठित अपराध सिंडीकेट’ के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत मध्यप्रदेश में एक जुलाई 2024 से लागू नये कानूनों के आधार पर भोपाल में चिन्हित किये गये गैंग के विरूद्ध पहली प्रभावी कार्यवाही करते हुऐ अज्जू शूटर गैंग के सदस्यों के खिलाफ शिकायत के आधार पर कार्यवाही करते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा-111 के तहत ‘संगठित अपराध सिंडीकेट’ के विरूद्ध मध्यप्रदेश की पहली एफआईआर दर्ज की है।

क्राइम ब्रांच भोपाल को शिकायत प्राप्त हुई थी कि दिनांक 01 जुलाई 2024 की रात्रि लगभग 12.10 बजे कुख्यात अज्जू शूटर गैंग के सदस्यों द्वारा फरियादी को पुराने केस में समझौता करने दबाव देने की नीयत से धमकाकर अश्लील गालियां देकर प्रताड़ित किया एवं फरियादी द्वारा दर्ज कराये गये केस में खर्च की गई धनराशि एक लाख रुपये की अवैध रूप से मांग की गई।

रिपोर्ट प्राप्त होने पर थाना क्राइम ब्रांच भोपाल द्वारा तत्काल एक्शन लेते हुए अन्जू शूटर गैंग के सदस्य सागर सिरसाट व अन्य सदस्यों के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 296, 351(3), 308 (5) एवं 111 में गंभीर प्रकरण दर्ज कर सरगर्मी से आरोपियों की तलाश प्रारंभ कर दी गई है, शीघ्र आरोपियों को गिरफ्तार कर लंबी अवधि के लिये जेल भेजने की तैयारी की जा रही है।

अज्जू शूटर गैंग के 08 अपराधियों के खिलाफ भोपाल जिले के विभिन्न थानों में हत्या के प्रयास, लूट, अड़ीबाजी, छुरीबाजी, धमकियां देकर अवैध वसूली, आर्म्स एक्ट, मारपीट, रास्ता रोककर गालियां देना, बलवा जैसे लगभग 40 से अधिक गंभीर प्रकरण दर्ज हैं। गैंग के सदस्य अजय शेजवाल, शुभम सरदार तथा बच्चा उर्फ सचिन पवार पूर्व से अन्य अपराध में जेल में है। गैंग के अन्य सदस्यों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है।

समयबध्द प्रक्रिया एवं कार्रवाई से आम जनता को मिलेगा त्वरित न्याय

भारतीय न्याय संहिता की धारा-111 तथा 112 में संगठित अपराध सिंडीकेट (आपराधिक गैंग/गैंगस्टर्स) के विरूद्ध कठोर दंड के प्रावधान है। इसमें आजीवन कारावास तक की सजा एवं लाखों रुपये के जुर्माने के प्रावधान हैं। इन धाराओं में संगठित रूप से अपराध करने वाले अपराधियों (गैंग) के सदस्यों द्वारा लगातार विधि विरूद्ध क्रिया-कलाप, अपहरण, डकैती, वाहन चोरी, जबरन वसूली के लिये प्रताडना, भूमि हथियाना (भूमाफिया), ठेके पर हत्या करना (सुपारी किलिंग), आर्थिक अपराध, साय बर अपराध, व्यक्तियों, औषधियों, हथियारों, अवैध माल या सेवाओं के दुर्व्यापार, वैश्यावृत्ति या फिरौती के लिये दुर्व्यापार, चोरी, छल व धोखाधड़ी, जुआ खेलने, विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों का विक्रय करना व अन्य अपराध शामिल हैं। इनमें प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से जुडे अपराधी भी शामिल हैं।

निर्धारित समय-सीमा में होगी कार्रवाई

इस नये कानून में आदतन अपराधियों, गुण्डों के खिलाफ समयबद्ध कार्रवाई के प्रावधान किये गये हैं, जिनमें पुलिस को तत्काल प्रथम सूचना दर्ज कर समय-सीमा में अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत करना होंगे। पीड़ित एवं गवाहों को सुरक्षा प्रदाय की जावेगी तथा माननीय न्यायालय द्वारा भी समयबद्ध विचारण कर शीघ्र निर्णय किया जावेगा, जिससे आम जनता को राहत मिलेगी।

क्राइम इन्टेलिजेंस यूनिट का गठन

क्राइम ब्रांच भोपाल द्वारा वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में एक क्राइम इन्टेलिजेंस यूनिट का गठन किया गया है। यह यूनिट एक माह में भोपाल में चिन्हित किये गये 15 गैंग के लगभग 150 अपराधियों की जानकारी तैयार करेगी कि इन अपराधियों द्वारा तथा इनके प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष सहयोगियों के आपराधिक कृत्यों से क्या-क्या चल-अचल संपत्ति अर्जित की गई है।

इस क्राइम इन्टेलिजेंस यूनिट द्वारा आर्थिक अपराध, भूमाफिया तथा सायबर अपराधों तथा जुआ, सट्टा संचालित करने वाले ऐसे संगठित अपराधियों, जो भोपाल के साथ-साथ प्रदेश, देश अथवा विदेश मे रहकर देश में जुआ, सट्टा खिलाते है उन पर तकनीकी साधनों/माध्यमों से पैनी निगाह रखी जाकर उनका नेटवर्क ध्वस्त किया जावेगा। संगठित अपराधियों से निपटने के लिये सरकारी विभागो जैसे रजिस्ट्रार, बैंक, राजस्व, शेयर मार्केट, म्युचुअल फंड्स, आईसीजेएस, सीसीटीएनएस, एनसीआरबी इत्यादि से जानकारी संकलित कर सफेद पोश, सिंडीकेट के अपराधियों पर नकेल कसी जायेगी। संकलित जानकारी के आधार पर भोपाल क्राइम ब्रांच द्वारा नये कानून की धारा-111, 112 के तहत इन आपराधिक कृत्यों से अर्जित की गई संपत्ति को कुर्क कराने की कार्रवाई कराई जायेगी।

नशे के विरुद्ध होगा कड़ा प्रहार

नशे के विरूद्ध कार्यवाही अंतर्गत मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त तस्करो तथा मादक पदार्थ उत्पादन करने वाले व्यक्तियो से लेकर क्रय विक्रय, परिवहन, एवं भंडारण करने वालो के साथ मंगाने वाले तथा भेजने वाले व उपयोग करने वालो तक पूरी चैन एवं नेटवर्क को ध्वस्त करने की तैयारी क्राइम ब्रांच द्वारा की गई है। इसमें न केवल भोपाल बल्कि मध्यप्रदेश व अन्य राज्यो के तस्करो/अपराधियो के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जावेगी।

क्राइम ब्रांच भोपाल द्वारा नये कानूनों के तहत न केवल भोपाल अथवा प्रदेश में बल्कि देशभर में सक्रिय संपत्ति संबंधी अपराधियो नक बजनों, वाहन चोरो, कार्य प्रणाली, अपराधियों, सायबर अपराधियों, आदतन जुआ-सट्टा, शराब, मादक पदार्थों के संगठित अपराध, सिंडीकेट, मानव तस्करण, चोरी, झपटमारी, छल, ठगी, धोखाधड़ी, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र बेचने वाले व अन्य संगठित अपराधियो जो विगत 10 वर्षों से आदतन आपराधिक घटनाओं में लिप्त है तथा उनके सहयोगियों तथा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वाले अपराधियों के विरूद्ध न केवल कडी वैधानिक कार्यवाही की जायेगी, बल्कि अपराधों की काली कमाई से अर्जित चल अचल संपत्ति को कुर्क कराने की कार्यवाही भी की जायेगी।

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