दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने वाहन चोरों के दो ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो बहुत ही शातिराना तरीके से कारों को चोरी कर उनको सोशल मीडिया पर बेचने का काम किया करते थे। क्राइम ब्रांच के मुताबिक उन्हें कार चोरी की शिकायत मिली थी जिसके बाद उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया। जांच को जब आगे बढ़ाया गया तो एक शख्स अनवर कुरैशी के रूप में सामने आया। क्राइम ब्रांच ने जब अनवर कुरैशी से पूछताछ की तो उसके साथी गुरु सिंह तक पहुंची और उसके बाद उनके तमाम साथियों तक पहुंच गई।
पुलिस के अनुसार आरोपितों के पहले ग्रुप में आरोपित अनवर कुरैशी, किशन (सेकंड हैंड कार डीलर), मोहम्मद रियाज (एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी कर्मचारी), शहजाद (शादाब का भाई) जो इंदौर से चोरी की कारें लाता था। विकास मिश्रा, कार देखो (सोशल मीडिया) का एक पूर्व कर्मचारी, शाहिल उर्फशेख (अल्ताफ का कर्मचारी)ने नकली दस्तावेज, चोरी की गई गाड़ियों के पंजीकरण प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, वोटर कार्ड और बैंक की एनओसी आदि तैयार करने में मदद की। छठा आरोपित अल्ताफ है। यह नकली दस्तावेज, चोरी की गई गाड़ियों के पंजीकरण प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज बनाने का काम करता था। इस पूरे मामले में पुरु सिंह और उसके पांच सहयोगी शामिल हैं। इसमें जयंत कुमार जेना, मोहसिन, नौशाद, कुंदन गिरी और ब्रजेश कुमार के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार पूछताछ में अनवर कुरैशी ने बताया कि वह जब कोई गाड़ी चुराते थे तो उसके बाद वह यह चेक करते थे कि यह गाड़ी किसके नाम पर है? उसका फोन नंबर क्या है? गाड़ी का मालिक कौन है ? जब सारी जानकारियां इनके पास आ जाती थीं तो यह लोग असली गाड़ी के मालिक के नाम पर सारे कागजातों को तैयार करते थे। इसमें आधार कार्ड, गाड़ी के कागज, आरसी और चेसिस नंबर इन तमाम चीजों को लेकर कागजात तैयार करते थे और एक बार कागज तैयार हो जाते थे। उसके बाद गाड़ी बेच दिया करते थे।
क्राइम ब्रांच को पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि यह उस गाड़ी के असली ओनर बनकर गाड़ियों की इमेज और उनकी डिटेल कार ‘देखो डॉट कॉम’ और ‘कार24’ जैसी साइट्स पर अपलोड कर दिया करते थे। इस काम में उनकी मदद एक बैंक के कर्मचारी और वेबसाइट केज के जरिए किया करते थे। जो इनको बताया करते थे कि कार्स24 और और दूसरी कंपनी के लोग किस तरीके से इंस्पेक्शन करेंगे। यह तमाम जानकारियां यह लोग अनवर कुरैशी को मुहैया करवा दिया करते थे।
दिल्ली पुलिस ने अनवर कुरैशी के अलावा एक और गिरोह का भी भंडाफोड़ किया है जो इसी तरीके से चोरी की गाड़ियों को बेच दिया करते थे। फिलहाल दिल्ली पुलिस ने दोनों गैंग के 13 लोगों को गिरफ्तार किया है और इनसे लगातार पूछताछ कर रही है। पूछताछ में इन लोगों ने अभी तक 50 गाड़ियों के बारे में जानकारी दी है, लेकिन क्राइम ब्रांच को यह पूरा यकीन है कि चोरी की गाड़ियों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है।