अवधनामा संवाददाता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के रहने वाले दंपत्ति अंकिता और सुमित सिंह ने स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) टाइप 1 से पीड़ित अपने 7 महीने के बेटे अनामय कि ज़ोलगेन्स्मा थेरेपी की लागत को कवर करने के लिए इम्पैक्टगुरु डॉट कॉम पर क्राउडफंडिंग का रास्ता अपनाया है। एसएमए एक रियर डीजनरेटिव न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर है जो कि मांसपेशियों की गति को नियंत्रित करने वाली नर्व सेल के नुकसान के कारण होता है। अनामय के लिए प्रिसक्राइब ट्रीटमेंट ज़ोलगेन्स्मा दवा है जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है, जिस यूएसए से आयात किया जाता है। इस अभियान ने 2 सप्ताह के अंदर में 1500 से अधिक दाताओं की मदद से अभी तक 18 लाख रुपये से अधिक जुटाए हैं
एसएमए सामान्य रूप से 10,000 बच्चों में से 1 को प्रभावित करता है, और अब भारत में एसएमए से पीड़ित लगभग 800 बच्चे हैं, वहीं इससे तीन गुना बच्चें इस बीमारी के कारण अपने दूसरे जन्मदिन तक नहीं पहुंच पाते। एसएमए आमतौर पर 2 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है जिसमें शिशु धीरे-धीरे मोटर गतिविधियों पर नियंत्रण खो देता है, जैसे कि खड़ा होना, चलना या रेंगना। पीड़ित बच्चे पहले ऊपरी और निचले दोनों अंगों में मांसपेशियों में कमजोरी दिखाते हैं, लेकिन बाद में उन्हें सांस लेने और निगलने में कठिनाई होती है।
अनामय का जन्म 2021 में हुआ था और वह इस कपल की इकलौती संतान हैं। उसके जन्म के बाद उसके माता-पिता पैरेंटहुड का आनंद लेने के लिए पूरी तरह तैयार थे। हालाँकि, उसकी धीमी वृद्धि को देखते हुए, अनामय की मां को संदेह हुआ। अंत में, देश भर के कई डॉक्टरों के कई टेस्ट और यात्राओं के बाद, उन्हें 6 महीने की उम्र में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी का पता चला था। उनके माता-पिता का दिल टूट गया जब उन्हें पता चला कि उनका इकलौता बच्चा ऐसी घातक बीमारी से पीड़ित है। एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले और अनामय के पिता अकेले कमाने वाले होने के कारण, उनके लिए अपने बेटे के लिए इतना महंगा इलाज करना मुश्किल है।
“ समूह की मदद और सहारे के बिना इतने कम समय में अकेले 16 करोड़ रुपये की इतनी बड़ी राशि जुटाना हमारे लिए असंभव है। हम नहीं चाहते कि हमारा बच्चा ऐसी जानलेवा बीमारी से पीड़ित रहे। हम वास्तव में चाहते हैं कि उसका भविष्य उज्ज्वल हो, लेकिन हमें एहसास है कि हम इसे अपने दम पर पूरा नहीं कर सकते। हर एक राशि हमें उसकी चिकित्सा की दिशा में एक कदम बढ़ाने में मदद करेगी। ” अनामय की मां अंकिता सिंह की पुकार ।
Also read