विकासखंड सरूरपुर के गांव डाहर में भ्रष्टाचार परत दर परत खुलता ही जा रहा है। 

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रिपोर्ट-हशमेआलम मेरठ-

विकासखंड सरूरपुर के गांव डाहर में भ्रष्टाचार  परत दर परत खुलता ही जा रहा है। जहाँ एक सप्ताह पूर्व डीपीआरओ ने गांव में पंहुचकर जांच में दो रास्ते ऐसे पकड़े थे जिनका निर्माण कराकर धन निकाल लिया गया था, जबकि मौके पर रास्तो का निर्माण नही हुआ था। वही शासन की महत्पूर्ण योजनाओ में शामिल सामुदायिक शौचालय का लिंटर डालते समय ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया था और लिंटर डालते वक्त ही भरभराकर गिर गया था जिसके नीचे दबने से मजदूर बाल बाल बच गए थे। अब ग्रामीणों ने मनरेगा में धांधली ओर भ्रष्टाचार की शिकायत मेरठ मण्डल की मनरेगा लोकपाल अंशु त्यागी से की। जिसके बाद लोकपाल बीडीओ सरूरपुर अमित कुमार व पंचायत सेकेट्री को साथ लेकर जांच करने गांव में पहुँची। शिकायतकर्ता बादल ने साक्ष्यो के साथ ऐसे कार्यस्थलों का जायजा कराया जहाँ कई सालों से कोई काम नही हुआ है लेकिन वहां मनरेगा के तहत कार्य दिखाकर लाखों रुपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए। वहीं ग्राम प्रधान पर लोकपाल ने भी जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाया।

 शिकायतकर्ताओ ने बताया कि ग्राम प्रधान का भाई पंकज भी मनरेगा में मजदूर बनकर कई वर्षों से मनरेगा की मजदूरी हड़प रहा है। जिन लोगो के जॉबकार्ड बनाए गए है उनको कभी जॉबकार्ड दिए ही नही गए। ग्रामीणों का ये भी आरोप है कि ग्राम प्रधान के छोटे भाई पर इलाहाबाद बैंक की सीएसपी है जिसके माध्यम से मनरेगा मजदूरी के नाम पर मंगाया गया पैसा निकाला जाता है, और जॉबकार्ड धारक को कानो कान भी खबर नहीं लगती।
वहीं लोकपकल ने बताया की उनसे ग्रामीणों ने मनरेगा में भ्रष्टाचार की लिखित में शिकायत की थी जिसकी जांच  करने वे गांव में पहुची है, ओर जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट तैयार कर डीएम व शासन को भेज देंगी।

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