अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने कई देशों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दरअसल इस दूसरी लहर में संक्रमण की रफ़्तार बहुत तेज़ है. मास्क और दो गज की दूरी को सबसे अहम बताया जा रहा है. वैक्सीनेशन का काम भी दुनिया के अधिकांश देशों में तेज़ी से चल रहे हैं लेकिन हालात को देखते हुए इंग्लैण्ड के डॉ. रैमसे का दावा है कि आने वाले कई सालों तक मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग ज़िन्दगी में ज़रूरी हिस्से की तरह से शामिल रहेगी.
डॉ. रैमसे ने सरकार को सलाह दी है कि जिन कार्यक्रमों में लोगों की तादाद ज्यादा होती है वहां पर बहुत सी पाबंदियां लगाने की ज़रूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना जब नया था तब लोगों ने सरकार की तरफ से लगाई गई बंदिशों का कड़ाई से पालन भी किया था लेकिन अब यह लोगों के लिए रूटीन जैसा हो गया है और लोगों ने मास्क से दूरी बना ली है. सड़कों पर भीड़ बढ़ गई है.
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भारत की बात करें तो भारत के कई प्रदेशों खासकर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और पंजाब में इधर तेज़ी से कोरोना बढ़ा है. कई राज्यों की सरकारों ने अपने यहाँ लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू को फिर से शुरू किया है. डॉ. रैमसे का कहना है कि लोगों ने लापरवाही की आदत नहीं बदली तो आने वाले कई सालों तक लोगों को मास्क इस्तेमाल करना पड़ सकता है और भीड़ के जमा होने पर रोक लगाई जा सकती है.