दुनियाभर में और खासकर चीन में तांडव मचा रहा कोरोना वायरस थमने का नाम नहीं ले रहा। इसके चलते चीन में रोजाना सैकड़ों जानें जा रही हैं। ताजा आंकड़े की बात करें तो मरने वालों की संख्या 1,765 पहुंच गई है। हाल ही में इसके संक्रमण से एशिया के बाहर मौत का पहला मामला सामने आया।
फ्रांस घूमने गई एक 80 वर्षीय चीनी महिला पर्यटक की मौत इस वायरस के कारण हुई है। चीन के हुवई प्रांत की महिला 16 जनवरी को फ्रांस गई थीं और संक्रमित होने पर 25 जनवरी को उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गई। वहीं, दुनियाभर के 67 हजार से ज्यादा लोग अब तक इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।
चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक कुल 66,492 मामलों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। देश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि 2,641 नए मामले शुक्रवार को सामने आए। वहीं शनिवार को 1,373 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई। चीन के अलावा हांगकांग में भी एक व्यक्ति की मौत हो गई। यह संक्रमण के 56 मामले सामने आए हैं। मकाउ में भी 10 मामलों की पुष्टि हुई है।
नोट और सिक्कों के इस्तेमाल पर रोक
कोरोना का कहर झेल रहे चीन को अब ‘कैश’ से संक्रमण फैलने का डर सता रहा है। इसी के चलते उसने प्रभावित इलाकों में न सिर्फ मौजूदा नोट और सिक्कों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है, बल्कि उन्हें इकट्ठा करके कीटाणुमुक्त बनाने की प्रक्रिया भी तेज कर दी है।
कोविड-19 नाम दिया
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पिछले साल इस बीमारी के सामने आने और इसके लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस के कारण इसे कोविड-19 नाम दिया है। चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स) का ही दूसरा रूप है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूचओ) के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक टीम भी सोमवार (10 फरवरी) रात चीन पहुंची जो कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने में चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों की मदद करेगी। कोरोना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है, लेकिन इनमें से केवल छह विषाणु ही लोगों को संक्रमित करते हैं। इसके सामान्य प्रभावों के चलते सर्दी-जुकाम होता है, लेकिन ‘सिवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोमट (सार्स) ऐसा कोरोना वायरस है जिसके प्रकोप से 2002-03 में चीन और हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हो गई थी।