कोरोना वैक्सीन की किल्लत से मुंबई में बंद हुए 51 टीकाकरण केंद्र

0
207

नई दिल्ली। लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस से जहा रात्री कर्फ्यू लगाए जा रहे है वही कोरोना टीका को लेकर महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार के बीच रार छिड़ी हुई है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने चार दिन पहले कहा था कि टीका का स्टॉक खत्म हो रहा है और यदि केंद्र ने टीका नहीं भेजा तो टीकाकरण रोकना पड़ेगा।

महाराष्ट्र स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन सिंह ने कोरोना के लिए राज्य सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया था। फिलहाल मुंबई में वैक्सीन की किल्लत दिखने लगी है। शुक्रवार को टीका न होने की वजह से 51 टीकाकरण केंद्र बंद रहे। इसके अलावा, सीमित स्टॉक होने के कारण, कुछ वैसे केंद्रों को भी बंद करना पड़ सकता है, जहां टीके दिए जा रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वैक्सीन की किल्लत के कारण बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स (बीकेसी) में स्थित कोविड-19 देखभाल केंद्र समेत कई टीकाकरण केंद्रों पर शुक्रवार की सुबह टीकाकरण रोक दिया गया।

बीएमसी के सूत्रों के मुताबिक टीके की उपलब्धता घटने के कारण दोपहर या शाम तक बाकी केंद्रों पर भी टीकाकरण अभियान रोकना पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में स्थिति ऐसी आ गई है कि टीकाकरण स्थलों पर लोगों की भारी भीड़ उमडऩे लगी है, मगर टीकों की कमी की वजह से लोगों को बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है। शुक्रवार को मुंबई में प्रभावी रूप से 69 टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन दी जा रही है, जबकि मुंबई में कुल 120 टीकाकरण केंद्र हैं, जिसका प्रतिदिन 200 से अधिक सत्रों में संचालन होता है।

शनिवार को बंद रहने वाले टीकाकरण केंद्रों में बीकेसी जंबो कोविड सुविधा, दहिसर जंबो सुविधा, कूपर अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल, सेवन हिल्स अस्पताल, सायन अस्पताल, वी. एन. देसाई अस्पताल, भट्टी अस्पताल और ब्रीच कैंडी अस्पताल शामिल हैं।

बीएमसी के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी मंगला गोमरे ने कहा कि मुंबई को शुक्रवार को कोविड-19 टीके की 1.80 लाख खुराक मिलने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, टीका उपलब्ध न होने के कारण 120 में से 75 निजी अस्पतालों में शुक्रवार की सुबह टीकाकरण रोक दिया गया जबकि कुछ अन्य केंद्रों पर अगले कुछ घंटे में अभियान रोका गया।

बीकेसी में बीएमसी द्वारा स्थापित कोविड-19 के विशाल केंद्र में भी टीकाकरण रोक दिया गया है। वहां टीके की 200 से कम खुराकें ही बची हुई थीं जिनका उपयोग कर दिया गया। केंद्र के एक डॉक्टर ने इस बारे में बताया। मुंबई के अलावा, महाराष्ट्र के अन्य जिलों में भी कुछ ऐसी ही तस्वीर है।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here