कोरोना से बड़ी बीमारी है डरःसतीश राय

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Corona is a bigger disease than fear: Satish Rai

अवधनामा संवाददाता

प्रयागराज। (Prayagraj) कोरोना से बड़ी बीमारी उसका डर है। किसी बीमारी का डर एवं भय की नकारात्मक भावना ज्यों ही हमारे मन में आती है हमारा दिमाग तुरंत उसको ग्रहण करता है और उससे संबंधित लक्षण शरीर में पैदा कर देता है। क्योंकि हमारा दिमाग, मस्तिष्क इतना शक्तिशाली है कि वह किसी भी बीमारी का इलाज भी कर सकता है और बीमारी पैदा भी कर सकता है।

उक्त बातें आज यहां एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान मधुबन बिहार स्थित प्रयागराज रेकी सेंटर पर जाने माने रेकी ग्रैंड मास्टर सतीश राय ने कहीं। उन्होंने कहा कि विज्ञान में जितने भी रिसर्च हैं वह सिर्फ शरीर पर है लेकिन मन एवं आत्मा पर ध्यान नहीं दिया जाता। वर्तमान में डर एवं भय का वातावरण है। लोग भयंकर डरे हुए हैं। जो लोग कोरोनावायरस से ठीक होकर अस्पताल से घर आ रहे हैं उनके अंदर भयंकर कमजोरी है ठीक से चल फिर नहीं पा रहे हैं। कमजोरी ठीक होने में 15 दिन से ज्यादा समय लग रहा है।

श्री राय ने कहा कि अब तो कोरोनावायरस की तीसरी लहर आने की आशंका भी जताई जा रही है जो बच्चों के लिए ज्यादा घातक होगी। कोरोना वायरस की तीसरी लहर से समाज में डर एवं भय का माहौल तैयार किया जा रहा है ऐसे में हमें घबराने के बजाय सजग रहने की जरूरत है। परिवार में सभी लोगों की बच्चों सहित इम्युनिटी पावर बढ़ाने की जरूरत है, इसके लिए परिवार में सभी लोग मौसमी फल एवं पत्तेदार हरी सब्जियां, पौष्टिक आहार लें। सभी लोग मन को स्वस्थ रखने वाले हल्के व्यायाम करें। बचाव के सारे उपाय करते हुए वह कार्य करें जिससे सभी लोगों को ज्यादा खुशियां मिले। प्रसन्न रहें चाहे वह किसी भजन, धुन या संगीत पर डांस ही क्यों ना हो। ऐसे ऐसे कार्य करें जिससे सभी लोग खुलकर खिलखिला कर हंसे एवं प्रसन्न रहें।

सतीश राय ने बताया कि शरीर में प्रतिरोधक क्षमता की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी प्रसन्न रहने एवं हंसने से होती है। हंसने से शरीर की मांसपेशियां, पेट की मांसपेशियां, पीठ की व चेहरे एवं फेफड़े की मांसपेशियां बार-बार खींचती हैं एवं शिथिल होती हैं। श्वास की गति बढ़ने से अधिक आॅक्सीजन प्राप्त होती हैं जिससे रक्त का संचालन बढ़ता है एवं शरीर की कार्बन डाइआक्साइड की मात्रा में कमी होती है। उन्मुक्त रूप से हंसने से मस्तिष्क में न्यूरो ट्रांसमीटर स्त्राव में वृद्धि होती है। हंसने के दौरान मस्तिष्क में आनंद प्राण दायिनी रसायन  इंडोफ्रिन में वृद्धि होती है जिससे मस्तिष्क में दर्द सूचक तंत्र कमजोर पड़ते हैं। इस क्रिया से हमारे इम्यून सिस्टम बहुत मजबूत होते हैं। ज्यादा हंसने से शरीर की अधिक कैलोरी जल जाती है। वजन-मोटापा कम होता है तनाव, मानसिक चिंता डिप्रेशन से मुक्ति मिलती है। ज्यादा हंसने से शरीर में रोग व्याधियों से लड़ने की क्षमता का विकास होता है जिससे वायरस एवं जीवाणु रोग से बचाव होता है। कोरोना वायरस की तीसरी लहर से डरने की जरूरत नहीं है उससे बचाव की जरूरत है जो हम अभी से अपनी एवं अपने बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर करनी है।

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