चकबन्दी प्रक्रिया निरस्त कराने हेतु अधिवक्ता अभीष्ट विक्रम सिंह के माध्यम से ग्रामवासियो ने दाखिल की थी याचिका
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अमेठी जनपद के राजस्व ग्राम कल्याणपुर में चल रही चकबन्दी प्रक्रिया पर सख्त रुख अपनाते हुए चकबन्दी आयुक्त उत्तर प्रदेश को आदेश दिया है कि आदेश की प्रमाणित प्रति जारी होने की तिथि से दो माह के भीतर कानून के अनुसार चकबन्दी कार्यों को रद्द करने पर विचार कर निर्णय लिया जाए।
मामला कल्याणपुर के ग्रामीणों से जुड़ा है, जिन्होंने अधिवक्ता अभीष्ट विक्रम सिंह के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। ग्रामीणों का आरोप है कि वर्ष 2019 से वे चकबन्दी निरस्त करने के लिए प्रमुख सचिव राजस्व, आयुक्त चकबन्दी और अन्य अधिकारियों को पत्र लिख रहे हैं, लेकिन विभाग की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई।
ग्रामवासियों का कहना है कि बिना सूचना अवैध रूप से समिति गठित कर चकबन्दी प्रक्रिया शुरू कर दी गई, जबकि गांव में पहले ही चकबन्दी हो चुकी है। उनका कहना है कि पुनः चकबन्दी से किसानों की कृषि भूमि अनावश्यक रूप से कम हो जाएगी जिससे छोटे किसानो के जीविका पर संकट आ जाएगी
अधिवक्ता अभीष्ट विक्रम सिंह ने बताया कि चकबन्दी अधिनियम 1953 की धारा 6(ए) के तहत, ग्रामीणों में असंतोष होने पर चकबन्दी प्रक्रिया निरस्त की जा सकती है। अदालत ने ग्रामीणों के 3 अप्रैल 2025 के प्रार्थना पत्र पर विचार करते हुए यह आदेश दिया है |