अवधनामा संवाददाता
बाराबंकी। सनातन का नाम लेने वाली प्रदेश की बीजेपी सरकार न तो सनातन के प्रति समदृष्टि रखती है और न ही कानून के समक्ष समता पर आधारित विधि के शासन में ही उसका विश्वास है। उसके लिये सनातन शब्द किसी आस्था एवं विश्वास का प्रतीक नही बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध का एक हथियार मात्र रह गया है।कांग्रेस मांग करती है कि काशी में हुई घटना पर हस्तक्षेप करते हुये प्रदेश सरकार को आवश्यक निर्देश दिए जाएं जिससे समान मामले में सभी को समान न्याय मिल सके।
प्रदर्शन के दौरान राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा काशी में गणेश प्रतिमा विसर्जन की मांग कर रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द पर हुये बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज के विरोध में 5 अक्टूबर 2015 को काशी में निकाली गयी अन्याय प्रतिकार यात्रा के दौरान 82 लोगो पर पंजीकृत मुकदमो में से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को छोडकर शेष 81 लोगो के मुकदमें वापस लिये जाने सम्बन्धी मामले की ओर आकृष्ट कराना है। जिसका संदर्भ ग्रहण करते हुये अपर सत्र न्यायधीश वाराणसी ने उन 81 लोगो को बरी कर दिया।उक्त मुकदमें में नामजद सभी 82 लोगो पर मुकदमा पंजीकृत हुआ था, परन्तु एकमात्र हमारे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को छोड़, अन्य 81 लोगो के विरूद्ध आरोप वापस लेने की संतुति अदालत से करके 81 लोगो को आरोप मुक्त कराया गया है। साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा सनातन की रक्षा में राजनीतिक भेदभाव का परिचय देते हुये लिये गये फैसले के पीछे तर्क दिया गया कि अजय राय पर और भी मुकद्दमे है तो उन 81 लोगों में भी कई के विरूद्ध है, जिन्हे सरकार ने राजनीतिक सजातीयता के कारण आरोप मुक्त करवाया है।