एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा- कांग्रेस बहुत जल्द ही वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। उन्होंने कहा- हमें पूरा भरोसा है और हम भारत के संविधान में निहित सिद्धांतों प्रावधानों और प्रथाओं पर मोदी सरकार के सभी हमलों का विरोध करना जारी रखेंगे। विधेयक को लेकर स्टालिन ने भी अदालत का दरवाजा खटखटाने का एलान किया था।
लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी वक्फ संशोधन विधेयक पास हो गया। हालांकि कांग्रेस ने इस बिल को लेकर विरोध जताया है। कांग्रेस का कहना है कि वह बहुत जल्द इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी और वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 की संवैधानिकता को अदालत में चुनौती देगी।
एक्स पर एक पोस्ट में, एआईसीसी (AICC) महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘कांग्रेस बहुत जल्द ही वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी’।
उन्होंने कहा-
“हमें पूरा भरोसा है और हम भारत के संविधान में निहित सिद्धांतों, प्रावधानों और प्रथाओं पर मोदी सरकार के सभी हमलों का विरोध करना जारी रखेंगे।’ राज्यसभा में वक्फ विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों की ओर से कड़ी आपत्तियां देखी गईं, जिन्होंने विधेयक को ‘मुस्लिम विरोधी’ करार दिया।
विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाए DMK
इससे पहले वक्फ विधेयक को लेकर एम के स्टालिन ने अदालत का दरवाजा खटखटाने का एलान कर दिया था। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन ने गुरुवार को कहा था कि उनकी पार्टी इस विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाएगी।
लोकसभा से विधेयक पारित होने के विरोध में स्टालिन विधानसभा में काली पट्टी बांधकर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि भारत में बड़ी संख्या में दलों के विरोध के बावजूद कुछ सहयोगियों के इशारे पर रात दो बजे संशोधन को अपनाना संविधान की संरचना पर हमला है।
देश की शांति और सौहार्द को न बिगाड़े सरकार- खरगे
नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी वक्फ बिला का विरोध जताया था। उन्होंने कहा था कि इस बिल के जरिये मुस्लिमों को दबाने की कोशिश कर सरकार विवाद और टकराव के बीज बोने का काम कर रही है।खरगे ने अपील के रूप में सरकार को चेताया भी कि वह देश की शांति और सौहार्द को न बिगाड़े।
दोनों सदनों में पड़े कितने वोट?
वक्फ विधेयक पर दोनों सदनों में देर रात तक चर्चा हुई। इको राज्य सभा में रात 2 बजे पारित कर दिया गया, जिसमें 128 सदस्यों ने इसके पक्ष में और 95 ने इसके विरोध में मतदान किया। वहीं गुरुवार को लोकसभा में पारित कर दिया गया, जिसमें 288 सदस्यों ने इसका समर्थन किया और 232 ने इसके खिलाफ मत दिया।