अवधानामा संवाददाता।
मौदहा हमीरपुर। पवित्र माह रमज़ान खत्म होनें को है ऐसे में अधिकांश मस्जिदों में 20 रोजे के बाद तरावी की नमाज में सुनाया जानें वाला कुरान मुकम्मल होने का सिलसिला शुरू होजाता है जो 28 रोजे लगातार तक चलता रहता है। एक हाफिज जो पूरा कुरान अपनें सीने में बसाए होता है वह रमज़ान के महीनें मे अल्लाह के एहसान से मस्जिद में नमाजे तरावी मे सुनाता है और जिस दिन उस का कुरान पूरा होता है उस दिन सुनाने वाले हाफिज के लिए बड़ी खुशी का मौका होता है मस्जिद में मौजूद तमाम लोग उसे मुबारक बाद देते है।29-वी शब को नगर सहित क्षेत्र की लगभग सभी मस्जिदों में कुरान पूरा हो गया है। 29 वीं शब-ए-कद्र के मौके पर मुहल्ला हैदरगंज स्थित गांसी कुंआ मस्जिद में हाफिज करामत उल्ला द्वारा कुरान मुकम्मल किया गया, उपरौस की निजामी जामा मस्जिद में हाफिज जमील नें कुरान पूरा किया हाफिजो का नामाजियों ने फूल माला पहनाकर मुबारक बाद दी। लगातार 50 वर्षों से कुरान सुना रहे उस्ताद हाफिज हाजी डॉ अकमल सगीर द्वारा 29वीं शब-ए-कद्र के मौके पर मुहल्ला कमराहा स्थित क़ायम कुआं मस्जिद में कुरान मुकम्मल किया गया। इस मौके पर रमज़ान की रुखसती के एहसास से रोजगारों की आंखें भी नम हो गयी। हैदरगंज स्थित पीर सुर्खुरू बाबा मस्जिद में हाफिज निहाल उद्दीन द्वारा कुरान मुकम्मल किया गया। शाही मस्जिद ब्लॉक के पीछे हाफिज दीन मुहम्मद नें अपना कुरान पूरा किया। इस तरीके से तमाम मस्जिदों में 28 रोजा को कुरान पूरा कर लिया गया क्योंकि 29 वें रोजे को चांद के दिखने की उम्मीद होती है और नमाज तरावी चांद देख कर शुरू होती है और चांद देख कर ही खत्म होती है।