निर्माणाधीन परियोजनाओं पर हो रहे कार्य को ठीकेदार समय से पूर्ण कराए, लापरवाही बर्दाश्त नही होगी
कुशीनगर। संभावित बाढ़ विभीषिका के संबंध में समुचित तैयारी हेतु स्टेयरिंग कमेटी तथा बाढ़ आपदा से संबंधित बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम ने किया।
बैठक में जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड को निर्देशित करते हुए बताया कि समस्त निर्माणाधीन परियोजनाओं को ससमय पूर्ण कराया जाए। ठेकेदार सक्षम नहीं हो तो उन पर आवश्यक कार्यवाही की जाए। लापरवाही होने पर ठेकेदार व विभागीय अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। विदित हो कि अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड के द्वारा यह बताया गया कि कुल 09 संबंधित परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। जिलाधिकारी ने उपस्थित उपजिलाधिकारीगणों को निर्देशित करते हुए बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया जाए, वहां ग्रामीण स्तर पर बैठक आयोजित की जाए, ग्रामीणों से बाढ़ संबंधित समस्याओं की जानकारी ली जाए। अपर जिलाधिकारी को भी निर्देशित किया गया कि संवेदनशील व अतिसंवेदनशील क्षेत्रों का निरीक्षण करें। इस संदर्भ में उन्होंने आपदा विशेषज्ञ से राहत संबंधी जानकारी ली। राहत एवं बचाव कार्यों हेतु पड़ाव की व्यवस्था, बाढ़ चौकी की व्यवस्था, बाढ़ बचाव कार्य हेतु एसडीआरएफ की टीम, राहत सामग्री के पैकेट के संदर्भ में उन्होंने निर्देश दिए। संबंधित उप जिलाधिकारी को उन्होंने बताया कि बाढ़ आने पर जो फसलें नष्ट हो जाती है उसका मुआवजा मिलना चाहिए और मुआवजे मिलने में किसी भी प्रकार की देरी या विलंब ना हो। अधिशासी अभियंता बाढ़ खण्ड व डी0 सी0 मनरेगा को सभी ड्रेन की सफाई समय से हो जाने हेतु निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने संबंधित उप जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि ड्रेन अतिक्रमण क्षेत्रों में जाकर निरीक्षण करें और आवश्यक कार्यवाही करें। बैठक में बाढ़ राहत हेतु मिट्टी का तेल, उपयुक्त चिकित्सा की व्यवस्था, पड़ाव स्थल, मोटर बोट इन सभी चीजों की व्यवस्था पहले से कर ली जाए के निर्देश दिए गए।
नाव और गोताखोरों का भी रिकार्ड रखे
बैठक में नाव नीति पर भी चर्चा हुई इसके तहत निर्देशित किया गया कि तहसील जहां नाव संबंधित घटनाएं अधिकांश घटित होती है वहां सभी नावों का सर्वेक्षण व समुचित रिकॉर्ड सुनिश्चित किया जाए। नाव/ नाविक व गोताखोरों का रिकॉर्ड रखा जाए। गोताखोरों को पंजीकृत कराया जाए। नौका परिवहन हेतु चिन्हित स्थलों का चयन किया जाए।नौका परिचालन हेतु समय का निर्धारण किया जाए। प्रत्येक यात्रा भ्रमण की शुरुआत में नाविक द्वारा यात्रियों को सुरक्षा और सतर्कता हेतु आवश्यक निर्देश दिया जाए। सभी नाव पर लाइफ़ सेविंग किट अनिवार्य रूप से रखा जाए। नदी की स्थिति प्रतिकूल होने पर क्षमता से आधी संख्या में ही यात्री बिठाए जाएं, तथा समय-समय पर नौकाओं का फिटनेस नाविक द्वारा प्रस्तुत किया जाए। बैठक सभी जिला स्तरीय अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
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