सूचनाए न देने पर आयोग ने जनसूचना अधिकारी को लगाई फटकार

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अवधनामा संवाददाता

एक माह के अंदर सूचना न देने पर दण्डात्मक कार्यवाही की दी चेतावनी

बांदा। प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग बाँदा से सम्बंधित सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत 6 अगस्त 2022 को छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष सुशील त्रिवेदी ने जन सूचना अधिकारी/ अधिशासी अभियंता राजाराम मथुरिया से जनहित में अनुबंध कार्य का टेंडर की लागत सहित 5 बिंदुओं पर सूचनाएं मांगी थी। लेकिन भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के उद्देश्य जानबूझकर अधिशाषी अभियंता राजाराम मथुरिया ने 10 नवम्बर 2022 को तथ्यों को छुपाने के उद्देश्य से सूचना देने से इनकार करते हुए कहा कि यह सूचना ठेकेदार/फर्म से संबंधित है और पीडब्ल्यूडी ठेकेदार एसोसिएशन ने सूचना दिए जाने से मना किया है जिसकी सूचना नहीं दी जा सकती है।
इसके बाद छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष सुशील त्रिवेदी ने 15 नवंबर 2022 को पुनः अधिशासी अभियंता राजाराम मथुरिया को पत्र लिखकर सही सूचनाए दिए जाने का अनुरोध किया लेकिन निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी अधिशासी अभियंता राजाराम मथुरिया ने सूचनाएं नहीं उपलब्ध कराई। जिसके उपरांत पूर्व अध्यक्ष सुशील त्रिवेदी ने राज्य सूचना आयोग लखनऊ में अपील दायर कर सूचनाए उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया था।
राज्य सूचना आयोग में राजीव कपूर की कोर्ट में आज 27 जून 2023 को सुनवाई हुई जिस पर अधिशाषी अभियंता राजाराम मथुरिया का प्रतिनिधि वरिष्ठ सहायक रामबाबू यादव से सूचनाएं उपलब्ध न कराने का कारण पूछा जिस पर वरिष्ठ सहायक रामबाबू यादव ने पीडब्ल्यूडी ठेकेदार एसोसिएशन के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि यह सूचनाएं व्यक्ति से सम्बंधित हैं जिस कारण सूचनाए नहीं दी जा सकती है कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि यह सूचनाए व्यक्ति से सम्बंधित कैसे हो सकती है इन सूचनाओं को जानने का अधिकार अपीलकर्ता को है।
छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष ने कोर्ट को अवगत कराया कि प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता राजाराम मथुरिया जानबूझकर भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के उद्देश्य सूचना उपलब्ध नहीं करा रहे हैं इन सी बी नंबर पर एक -एक लाख के अनुबंधों पर लगभग 40 लाख तक का भुगतान कराया गया है तथा सूचना का अधिकार के कानून अपनी मनमर्जी से बना रहे इन अनुबंधों पर व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। कोर्ट ने अधिशाषी अभियंता का प्रतिनिधित्व कर रहें वरिष्ठ सहायक को सख्त निर्देश दिया कि एक माह के अन्दर सूचनाएं उपलब्ध कराई जाएं अन्यथा अधिशाषी अभियंता राजाराम मथुरिया के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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